ज़िन्दगी की बहुमूल्य धरोहर होती हैं तस्वीरें

तस्वीरोंका अपना खूबसूरत संसार होता है। इनकी अपनी जुबान होती है। यह जिंदगी के अनमोल लम्हों को सहेज कर रखती हैं। बेशक खुशी और गम के लम्हों के रंग अलग-अलग होते हैं पर दोनों ही जिंदगी के बेश-कीमती रत्न होते हैं। तस्वीरों के माध्यम से आज घर बैठे हम दुनिया के हर कोने को देख सकते हैं। फोटोग्राफी दुनिया में एक क्रांतिकारी खोज है। बेशक यह पश्चिमी सभ्यता की देन है पर आज महानगरों से लेकर छोटे से छोटे गांवों तक इसका बोलबाला है। आज इसकी लोकप्रियता को चुनौती नहीं दी जा सकती। 9 जनवरी, 1839 को जोसफ नाइस फोर निपसी और लुइस ने विश्व फोटोग्राफी की दुनिया में कदम रखा। लगभग 70 साल विश्व फोटोग्राफी अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष करती रही और 19 अगस्त, 1839 को फ्रांस सरकार ने इस खोज को एक उपहार के तौर पर घोषित किया और इस तरह 19 अगस्त को विश्व फोटोग्राफी के दिन के तौर पर मनाया जाने लगा। इन्सान ने चित्र बनाना हज़ारों साल पहले शुरू कर दिया था। प्राचीन काल की गुफाओं में मानव द्वारा बनाए गए भित्ति चित्र इस बात के गवाह हैं। दरअसल चित्र बनाना इन्सान के लिए अपनी रचनात्मकता की अभिव्यक्ति का सशक्त माध्यम रहा है। बाद में जब कैमरे का आविष्कार हुआ, तो फोटोग्राफी भी इन्सान के लिए अपनी क्रिएटिविटी का प्रदर्शन करने का एक ज़रिया बन गया। कैमरे के कृत्रिम लैंस से चित्र बनाने में मनुष्य को मिली सफलता का जश्न अब सारी दुनिया में विश्व फोटोग्राफी दिवस के रूप में मनाया जाता है। दुनिया के तमाम फोटोग्राफरों ने फोटोग्राफी की दुनिया में अपना एक अलग मुकाम बनाया है और उन्हें इसके लिए धन और शोहरत दोनों खूब मिले। फोटोग्राफी या छाया चित्रण संचार का ऐसा एकमात्र माध्यम है जिसमें भाषा की आवश्यकता नहीं होती है। यह बिन शाब्दिक भाषा के अपनी बात पहुंचाने की कला है। इसलिए शायद ठीक ही कहा जाता है, पिक्चर वर्थ,  थाउजेंड वर्ड्स यानी एक फोटो दस हजार शब्दों के बराबर होती है। ‘फोटोग्राफी’ यह एक ग्रीक शब्द है, जिसकी उत्पत्ति फोटोज (लाइट) और ग्राफीन यानी उसे खींचने से हुई है।आज तस्वीरों की लोकप्रियता और जिंदगी के हर लम्हे में इसकी अहमियत से इंकार नहीं किया जा सकता। आज के प्रगतिवादी युग में फोटोग्राफी की आधुनिक तकनीकी बारीकियों, सूक्षम फार्मूलों, कलात्मक छाया चित्रों व आकर्षक दृश्यों के निर्माण हेतु पूर्ण रूप से धैर्य, समर्पण और प्रतिभा की आवश्यकता होती है। इसी हुनर से फैशन फोटोग्राफी, मॉडलिंग तथा फोटो पत्रकारिता के क्षेत्र में कदम रखकर नाम और धन कमाया जा सकता है। इन क्षेत्रों से जुड़े मॉडल व फोटोग्राफर दोनों को अच्छी खासी शोहरत हासिल होती है। मोबाइल कैमरे व डिजिटल कैमरों के आने के बाद भी तस्वीरों का अपना अलग आकर्षण आज भी बरकरार है। आप घर में होते फंक्शन, विवाह, जन्मदिन, हिल स्टेशन की सैर, गृह प्रवेश मतलब जिंदगी का हर कीमती पल तस्वीरों में कैद करके रख लेते हैं। फिर जिंदगी में यदाकदा उन्हें देखकर तरोताजा भी हो जाते हैं। हर तस्वीर अपने आप में एक कहानी होती है।  खासतौर पर समारोह या सैर-सपाटे पर जाते वक्त खींची तस्वीरों में सिर्फ शक्ल चेहरे ही नहीं, हमारे जज्बात भी कैद हो जाते हैं। इसी तरह स्कूल, कालेज और बचपन की शरारतों भरी, मां के खूबसूरत अहसास को दर्शाती तस्वीरें, दोस्तों की याद दिलवाती तस्वीरें और बड़े बुजुर्गों की बेशकीमती यादों से भरी तस्वीरें हमारी जिंदगी की बहुमूल्य धरोहर बन जाती हैं। पर हर कोई तस्वीर खींच सकता है, यादगार तस्वीर के लिए तुजुर्बा अहमियत रखता है।