पंजाब में बाढ़ से मुसीबतें बढ़ीं

चंडीगढ़, 20 अगस्त (भाषा) : पंजाब में मंगलवार को बारिश नहीं हुई लेकिन पिछले कुछ दिनों में लगातार हुई वर्षा के कारण प्रदेश के अनेक हिस्सों में बाढ़ जैसे हालात हैं। कुछ प्रभावित क्षेत्रों से जल स्तर कम होना शुरू हो गया है। किंतु लुधियाना, रूपनगर और जालन्धर के अनेक गांवों में अभी तक पानी भरा हुआ है। सतलुज नदी पर बने विभिन्न बांधों में दरार आने से इन गांवों में पानी भर गया। मौसम विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि प्रदेश के अधिकतर हिस्से में मौसम आम तौर पर साफ रहा। पिछले कुछ दिन में बारिश होने और भाखड़ा बांध से पानी छोड़े जाने तथा सतलुज एवं उसकी सहायक नदियों के बाढ़ का पानी लुधियाना, जालन्धर, फिरोज़पुर और रूपनगर के गांवों में घुस गया है। इससे फसलों को खास तौर पर धान की खेती को बेहद नुकसान पहुंचा है। साथ ही निचले इलाकों में बने मकानों को भी नुकसान पहुंचा है तथा लोगों को घरों के छतों पर रहने को मजबूर होना पड़ रहा तथा कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल और राज्य आपदा मोचन बल प्रभावित गावों में बचाव अभियान चला रहा है । प्रभावित इलाकों में ज़िला प्रशासन भी इसमें मदद दे रहा है। जालंधर में उपायुक्त और वरिन्द्र कुमार शर्मा और एस.एस.पी. नवजोत सिंह माहल ने मंगलवार को मंडाला गांव का जायज़ा लिया। यहां लोगों को राष्ट्रीय आपदा मोचन बल की सहायता से निकाला जा रहा है। फंसे हुए लोगों को निकालने के लिए बाढ़ प्रभावित इलाकों में नौकाओं को भी लगाया गया है। 
जालन्धर के लोहिया के गिद्दड़ पिंडी-मंडाला के नज़दीक सतलुज दरिया का बांध लोगों की कोशिशों के बावजूद सुबह 7 बजे टूट गया। बांध पर काम कर रहे लोगों ने मौके पर हाज़िर शाहकोट के एसडीएम डा. चारूमिता के समक्ष जोरदार रोष व्यक्त किया कि रात्रि 9 बजे से बांध में दरार पड़ चुकी थी जिसका प्रशासन को पता होने के बावजूद कोई प्रयत्न नहीं किया गया। रोपड़ के पुखराली के नज़दीक गांव बल्लमगढ़ गंदवाड़ा में नदी के पानी के गरीब लोगों की झुग्गियों को अपनी चपेट में ले लिया तथा यह लोग बेघर हो गए। सतलुज के करीब एक किलोमीटर की दूरी में बसे हुए बेली के निवासियों की सैकड़ों एकड़ धान, मक्की की फसल तेज़ पानी के बहाव में बह गई। ग्रामीणों का आरोप है कि किसी अधिकारी ने उनकी ओर ध्यान नहीं दिया।
गोबिंद सागर झील में आने वाले पानी में भारी गिरावट
नंगल, 20 अगस्त (अशोक चोपड़ा) : हिमाचल के ऊपरी क्षेत्रों में हो रही भारी बारिश के रुकने से भाखड़ा डैम के पीछे बनी गोबिंद सागर झील में पानी की आमद में आज दोपहर एक बजे तक भारी गिरावट देखने को मिली जिससे बीबीएमबी मैनेजमेंट ने कुछ राहत की सांस ली है। बीते दिन यहां भाखड़ा डैम के पीछे बनी गोबिंद सागर झील में एक लाख तीस हज़ार क्यूसिक से भी अधिक मात्रा में पानी आने से भाखड़ा डैम का जल स्तर 1681 फीट के पार पहुंच गया था वहीं आज दोपहर एक बजे तक झील में मात्र 36862 क्यूसिक ही पानी की आमद दर्ज की गई जिसके चलते बीते दिन के मुकाबले भाखड़ा डैम के जलस्तर में भी गिरावट दर्ज की गई। आज दोपहर एक बजे भाखड़ा डैम का जलस्तर 1680.40 फीट दर्ज किया गया। भाखड़ा डैम के चारो फ्लड गेट आज पांचवें दिन भी खुले रहे। भाखड़ा डैम से नंगल डेम के लिए ट्रवाइनों व फ्लड गेटों के माध्यम से कुल 77300 क्यूसिक पानी छोड़ा गया, जबकि नंगल डैम से नंगल हाइडल नहर में 12350, श्री आनंदपुर साहिब हाईडल नहर में 10150 क्यूसिक व नंगल डैम से सतलुज दरिया में 54800 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। नंगल डैम से सतलुज में छोड़े जा रहे पानी के कारण सतलुज दरिया में आज भी बाढ़ रही और लोगों की भारी मात्रा में फसल खराब हो चुकी है और सतलुज दरिया के किनारे बेलों के गांवों में सड़कों ने भी तालाब का रूप धारण किया हुआ है और लोग भय के माहौल में जीने को मज़बूर है। उधर ज़िला प्रशासन के आदेशों के तहत एहतियात के तौर पर ज़िला रूपनगर के समस्त सरकारी व निजी शिक्षा संस्थान आज दूसरे दिन भी पूरी तरह बंद रहे ।