जन्माष्टमी पर 50 करोड़ के जेवरातों से सजेंगे राधा-कृष्ण 

ग्वालियर, 22 अगस्त (इंट): यहां फूलबाग गोपाल मंदिर में कल जन्माष्टमी के अवसर पर भगवान राधाकृष्ण का शृंगार करीब 50 करोड़ रुपए के जेवरातों से होगा। सिंधिया राजवंश के ये प्राचीन जेवरात मध्यभारत की सरकार के समय गोपाल मंदिर को सौंप दिए गए थे। इन बेशकीमती जेवरातों में हीरे और पन्ना जड़ित हैं। राधाकृष्ण के इस प्रकार के शृंगार को देखते हुए जन्माष्टमी पर नगर निगम आयुक्त संदीप माकिन और पुलिस प्रशासन ने मंदिर में व्यवस्थाएं चाक चौबंद करने के निर्देश दिये हैं। गोपाल मंदिर में स्थापित भगवान राधाकृष्ण की प्रतिमा को इन जेवरात से सुसज्जित करने की परंपरा आज़ादी के पूर्व से है। उस समय सिंधिया राजपरिवार के लोग व रियासत के मंत्री, दरबारी व आम लोग जन्माष्टमी पर दर्शन को आते थे। उस समय भगवान राधाकृष्ण को इन जेवरातों से सजाया जाता था। आज़ादी के बाद मध्यभारत की सरकार बनने के बाद गोपाल मंदिर, उससे जुड़ी संपति ज़िला प्रशासन व निगम प्रशासन के अधीन हो गई है। नगर निगम ने इन जेवरातों को बैंक लॉकर में रखवा दिया। वर्षों तक ये लॉकरों में रखे रहे। इसके बाद साल 2007 में डा. पवन शर्मा ने निगमायुक्त की कमान संभाली। उन्हाेंने निगम की संपत्तियों की पड़ताल कराई, उसमें इन जेवरातों की जानकारी मिली। उसके बाद तत्कालीन महापौर विवेक शेजवलकर और निगमायुक्त ने गोपाल मंदिर में जन्माष्टमी के दिन भगवान राधाकृष्ण की प्रतिमाओं को इन जेवरातों से शृंगार कराने की परंपरा शुरू कराई। उसके बाद से तत्कालीन आयुक्त इस परंपरा का पालन कर रहे हैं। इन जेवरातों में हीरे-जवाहरात से जड़ा स्वर्ण मुकुट पन्ना और सोने का सात लड़ी का हार, 249 शुद्ध मोती की माला, हीरे जडे कंगन, हीरे व सोने की बांसुरी, प्रतिमा का विशालकाय चांदी का छत्र, 50 किलो चांदी के बर्तन, श्रीकृष्ण व राधा के झुमके, सोने की नथ, कंठी, चूड़ियां, कड़े सहित अन्य बहुत सा सामान शामिल  है। जेवरातों की बाज़ार दर काफी ज्यादा होने के कारण जन्माष्टमी के दिन यहां 200 से अधिक जवान तैनात किए जाएंगे।  । इस बार भी भगवान राधाकृष्ण के दर्शन हेतु डेढ़ से दो लाख भक्तों के आने की संभावना है।