सिर दर्द को न समझें मामूली 

सिर दर्द एक ऐसा मर्ज है जिससे लोग ग्रसित होते रहते हैं। इससे ग्रसित रोगी दर्द के मारे बेहाल हो जाता है। जब यह रोग शुरू होता है तो बढ़ता ही जाता है। जल्दी जाने का नाम नहीं लेता। दर्दनाशक दवाइयां लेने से दर्द से आराम तो मिल जाता है लेकिन रोग स्थाई रूप से दूर नहीं होता। यह रोग कई कारणों से होता है कब्ज, उच्च रक्तचाप, आंखों की ज्योति का कमजोर होना, नींद पूरी न होना, ठंडी या गर्मी का प्रकोप आदि कुछ कारण है जिनके कारण सिर में दर्द होने लगता है।
कब्ज- कब्ज आज के लोगों की मुख्य समस्या है। कब्ज के कारण गैस बनती है और इसका दबाव सिर तक पहुंचता है जिसके कारण सिर में दर्द होने लगता है। कब्ज से बचने के लिए रेशेदार, सुपाच्य भोजन करें। सुबह नाश्ते में नींबू का रस लें। दिन में 2-3 बार 20-20 ग्राम गुलकन्द लें। रात को सोते समय दो चम्मच ईसबगोल की भूसी गुनगुने पानी या दूध से लें। इससे सुबह टट्टी खुलकर आएगी। पेट साफ हो जाने से सिर दर्द दूर हो जाएगा।
उच्च रक्तचाप :- इस रोग में रक्त का दबाव सिर के स्नायुओं पर पड़ता है जिसके चलते सिरदर्द होने लगता है। रक्तचाप को सामान्य बनाने के लिए अपने खान-पान पर ध्यान रखे। किसी कुशल चिकित्सक से मिलकर सलाह लें तथा उसके निर्देशों का पालन करें। इससे रक्तचाप सामान्य रहेगा और सिर दर्द नहीं होगा।
आंखों की रोशनी का कम होना:- नजर कमजोर होने पर बिना चश्मे के पढ़ने या बारीक काम करने से आंखों की पेशियों पर जोर पड़ता है जिससे आंखों तथा सिर में दर्द होने लगता है। आंखें और अधिक कमजोर न हों, इसके लिए नेत्र चिकित्सक से सलाह लें। चश्मे की जरूरत होने पर चश्मा जरूर पहनें। 
रात को सोते समय तथा दिन में 2-3 बार मुंह में पानी भरकर साफ और ठंडे पानी के छींटे आंखों पर मारें। 
नींद पूरी न होना:- नींद पूरी नहीं सोने से सिर के स्नायुओं को पूरी तरह आराम नहीं मिल पाता जिसके कारण सिर दर्द होने लगता है।
सर्दी या गर्मी:- यदि सर्दी या गर्मी के कारण सिर दर्द हो रहा हो तो इनसे बचने का प्रयास करें। सर्दी से बचने के लिए गर्म कपड़ों का प्रयोग करें। कमरे को गर्म रखें। गर्मी के कारण सिरदर्द हो रहा हो तो पानी उबालकर ठंडा करके उसी पानी से स्नान करें। खट्टे, वसायुक्त एवं शीत प्रकृति के पदार्थ ग्रहण न करें।
अनुचित आहार- विहार से रोग पैदा होते हैं इसलिए इन से बचें। उपरोक्त उपायों में जो आपके अनुकूल एवं आवश्यक हों, उनको अमल में लाएं। आहार विहार के नियमों का पालन किया जाएगा तो शरीर रोगग्रस्त नहीं होगा दवाईयां सेवन करके रोग को न दबाएं बल्कि बिना दवा खाए, रोग को पैदा करने वाले कारणों को त्याग कर रोगमुक्त रहें। यदि ऐसा करने पर भी रोग दूर नहीं होता तो कुशल चिकित्सक से परामर्श लेकर उसके निर्देशानुसार औषधियों का सेवन करें। (स्वास्थ्य दर्पण)

-राजा तालुकदार