अमेज़न जंगल में आग से ब्राज़ील में दिन में ही छाया अंधेरा

ब्रासीलिया, 23 अगस्त (एजेंसी): करीब 3 सप्ताह से अमेजन नदी घाटी में फैले जंगल जल रहे हैं। अब तक 47,000 वर्ग किलोमीटर जंगल खाक हो चुका है। यह आंकड़ा कितना बड़ा है, इसका अंदाज़ा इस बात से लगाओ कि भारत के सारे 110 नैशनल पार्क करीब 41,000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में हैं। करीब 55 वर्ग लाख किलोमीटर के अमेजन के जंगल ‘धरती के फेफड़े’ कहे जाते हैं। यहां दुनिया की ज़रूरत की 20 प्रतिशत आक्सीजन मिलती है। दूसरी तरफ सि आग के लिए ब्राज़ील के राष्ट्रपति जैर बोलसोनारो पर्यावरण की सुरक्षा हेतु कार्य कर रहे एन.जी.ओ. पर आरोप लगा रहे हैं, वहीं पर्यावरण प्रेमी राष्ट्रपति की नीतियों को दोषी ठहरा रहे हैं। ब्राज़ील की राष्ट्री अंतरिक्ष खोज संस्था अनुसार जनवरी से अब तक इन जंगलों में आग लगने से 74 हज़ार से अधिक मामले दर्ज हो चुके हैं जबकि पूरे 2018 में 39 हज़ार मामले सामने आए थे। आग का कहर पूरे देश पर दिखाई दे रहा है। जंगल के करीब 3200 किलोमीटर दूर स्थित देश की राजधानी साओ पालो में भी दिन के समय सूर्य दिखाई नहीं दे रहा। यहां धुएं की वजह से अंधेरा छाया रहता है। हालात इतने खराब हैं कि आसमान में करीब 45 लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में धुआं पसरा हुआ है। आग इतनी भयंकर है कि विभिन्न उपग्रहों से जंगलों में धुआं उठता दिखाई दे रहा है।
इसलिए खास हैं अमेजन के जंगल
विश्व के एक तिहाई जंगल यहां हैं, जो 90 से 140 अरब टन कार्बन हर खींच रहे हैं। इससे ग्लोबल वार्मिंग रोकने में मदद मिल रही है। यहां 30 हज़ार किस्मों के वृक्ष, 2.5 हज़ार किस्मों की मछलियां, 1.5 हज़ार किस्म के परिंदे, 500 थनधारी, 550 किस्म की छिपकलियां और 25 लाख किस्म के कीट हैं। 410 किस्म की जनजातियां यहां 11 साल से रह रही हैं।
‘कैप्टन नीरो’ के टैग को ब्राज़ील के राष्ट्रपति ने किया खारिज
ब्राज़ील के राष्ट्रपति जैर बोलसोनारो ने इस बात से इंकार किया है कि उनकी नीतियां अमेजन जंगल में लगी भयानक आग हेतु जिम्मेवार हैं। उन्होंने मीडिया पर आरोप लगाया कि उन्हें उस को ‘कैप्टन नीरो’ कह कर देश के हितों को नुक्सान पहुंचाया है। बोलसोनारो ने शुष्क मौसम में लगी आग का हवाला देते हुए कहा कि मैं आग लगने की घटना का बचाव नहीं करता हूं, क्योंकि यह हमेशा ही आग लगती रही है और लगती रहेगी।