550वें प्रकाश पर्व संयुक्त रूप से मनाने हेतु प्रयास जारी रखे जाएं : ज्ञानी हरप्रीत सिंह

जालन्धर, 3 सितम्बर (मेजर सिंह) : सिख धर्म की प्रमुख संस्था श्री अकाल तख्त के जत्थेदार सिंह साहिब ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने समूह सिख पंथ को आह्वान किया है कि प्रथम पातशाही श्री गुरु नानक देव जी का प्रकाशोत्सव संयुक्त रूप से मनाने हेतु प्रयास जारी रखे जाने चाहिए। ‘अजीत भवन’ में विशेष मुलाकात में ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा कि मैं धन्यवादी हूं कि मुख्यमंत्री कै. अमरेन्द्र सिंह एवं शिरोमणि कमेटी के प्रधान भाई गोबिन्द सिंह लौंगोवाल ने उनके द्वारा भेजे सुझाव को स्वीकृत करते समारोह संयुक्त रूप से करवाए जाने हेतु सकारात्मक जवाब दिया। उन्होंने कहा कि भले ही कुछ अड़चनें पैदा हो रही हैं, परन्तु अभी समय रहता है और मेरा प्रयास है कि सभी पक्ष एकजुट होकर सब तरह के मतभेद भुलाकर एक स्टेज पर सुशोभित हों एवं शिरोमणि कमेटी सभी का सम्मान करे। उन्होंने कहा कि शिरोमणि कमेटी एवं सरकार को बराबर के कदम उठाते संयुक्त समारोह करने हेतु एक दूसरे के निकट होने का प्रयास करना चाहिए।
परम्परागत के साथ विशेष समारोहों पर जोर : सिंह साहिब ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा कि प्रकाश पर्व समारोहों पर सिक्खी जज्बे एवं जलोआ को उत्साहित करने हेतु परम्परागत सरगर्मियां तो आवश्यक हैं। परम्परागत सरगर्मियों में दीवान सजाने, नगर कीर्तन सजाने, लंगर लगवाने आदि शामिल है परन्तु बाबे नानक के प्रकाश पर्व को यादगारी बनाने एवं दूरगामी छाप छोड़ने वाले कार्यक्रम भी तैयार किए जाने चाहिए ताकि लोग यह कह सकें कि यह कार्यक्रम सुल्तानपुर लोधी से चले थे। उन्होंने बताया कि गुरु नानक देव जी के 500 वर्षीय प्रकाश पर्व समारोहों पर 1969 में पंजाब सरकार एवं शिरोमणि कमेटी ने बड़ी बहुमूल्य किताबें प्रकाशित की थी। श्री अकाल तख्त साहिब द्वारा शिरोमणि कमेटी एवं पंजाब सरकार को वह किताबें पुन: छापने की प्रार्थना की गई है। उन्होंने कहा कि आज का नौजवान साहित्य की ओर से विमुख होकर मशीन बन गया है। शताब्दी समारोहों दौरान यह पहलकदमी करके सभी समुदायों के नौजवान नैतिक गिरावट में से निकलकर चढ़दी कला वाले जज्बे से आगे बढ़ सकें। 
गलियारा खुलने के लिए सभी का धन्यवाद : ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा कि विगत महीनों में आए अनेक तरह के उतार-चढ़ाव के पश्चात अन्तत: श्री करतारपुर साहिब गलियारा खुलने की आशा बंध गई है। यह बात सामने होनी है कि बाबा नानक के जीवन से उपदेश में इतनी शक्ति है कि दोनों देशों में लोगों के जज्बात की कदर करते भारत एवं पाकिस्तान ने गलियारा खोलने के लिए सभी औपचारिक कार्रवाईयां पूरी करने हेतु पुन: कार्रवाई आरम्भ कर दी है। उन्होंने दोनों सरकारों द्वारा निभाई भूमिका की प्रशंसा की।
सब वर्गों में नैतिक गिरावट : सिंह साहिब ने समाज में बढ़ रहे नशों, पतितपुने एवं आत्महत्याओं के रुझान बारे बातचीत करते कहा कि भौतिकवादी युग के कारण निजी स्वार्थ भारी हो गए हैं और धर्म, परिवार, नैतिक मूल्यों के पीछे जा पड़े हैं। इस बुराई से बचने हेतु कुर्बानी की ओर लगना पड़ेगा।
कश्मीर में धार्मिक एवं शहरी आजादी बहाल हो : श्री अकाल तख्त के जत्थेदार ने कहा कि सिख धर्म का बुनियादी सिद्धान्त मानवीय हकों की रक्षा एवं सामाजिक आर्थिक बराबरी पर टिका हुआ है। उन्होंने कहा कि विश्वास है कि दुनिया में किसी भी समुदाय से बेइंसाफी एवं ज्यादती नहीं होनी चाहिए। हर मनुष्य को यदि धार्मिक एवं विश्वास की आजादी होगी तभी शांति रहेगी। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में धार्मिक एवं शहरी स्वतन्त्रता बहाल होनी चाहिए।
रविदास मंदिर बारे भावनाओं की कद्र हो : तुगलकाबाद दिल्ली में गुरु रविदास मंदिर गिराए जाने पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि असंख्य लोगों के विश्वासों से जुड़ा मामला है और केन्द्र सरकार को चाहिए कि वह लोगों के जज्बातों की कद्र करते मंदिर का पुननिर्माण करवाए।
सिख लड़की परिजनों के हवाले करने हेतु पाक सरकार का धन्यवाद : सिंह साहिब ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने पाकिस्तान के ननकाना साहिब से एक लिख लड़की के कथित अपहरण एवं जब्री विवाह करवाए जाने के मामले का आसान हल होने पर पाकिस्तान सरकार एवं अधिकारियों का धन्यवाद किया।