आयात शुल्क बढ़ने के बावजूद खाद्य तेलों में मंदा

नई दिल्ली, 8 सितम्बर (एजेंसी): गत सप्ताह सरकार द्वारा तेल उद्योग को राहत के लिए बाहर से आने वाले खाद्य तेलों पर आयात शुल्क पांच प्रतिशत और बढ़ा दिया गया। बाजार में रुपए की तंगी होने एवं सरसों तेल में बिकवाली आने तथा सोयाबीन की नई फसल महाराष्ट्र, एमपी में शुरू हो जाने से खाद्य तेलों के भाव बढ़ने की बजाय 70/100 रुपए प्रति क्विंटल टूट गये। बाजार में परचेज क्षमता की कमी को देखते हुए अभी तेजी की गुंजाइश नहीं लग रही है। आलोच्य सप्ताह सरकार द्वारा पाम ऑयल पर आयात शुल्क 45  से बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया गया। इससे पहले कई खाद्य तेलों पर टैरिफ दर भी बढ़ाई गयी थी। इसका मुख्य कारण यह है कि बाजार में रुपए की भारी तंगी चल रही है, जिससे खरीद क्षमता समाप्त हो गयी है। दूसरी ओर नया सोयाबीन सांगली लाइन में ढाई-तीन हजार आ गया। । इसके अलावा एमपी के दाहौद, दतिया, सुजालपुर, रतलाम, नीमच लाइन में भी सोयाबीन की कटाई शुरू हो गयी है। वहां रुक-रुककर बरसात का झटका आ जाने से कटाई-मड़ाई में थोड़ी रुकावटें आ रही हैं, लेकिन अब माल का दबाव चौतरफा बढ़ जायेगा। इस वजह से पुरानी सोयाबीन इंदौर लाइन में 25/30 रुपए घट गयी। इंदौर में तेल सोया रिफाइंड 80 रुपए घटकर 7520 रुपए रह गया।