कठोर मोटर वाहन कानून

भारत सरकार ने 1 सितम्बर, 2019 से देश में बढ़ रही सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए कठोर मोटर वाहन कानून लागू किया। हमारे देश में जिस गति से वाहनों की संख्या बढ़ रही है, उसी गति से सड़क दुर्घटनाओं की संख्या भी बढ़ रही है। लाखों लोग सड़क दुर्घटनाओं में प्रति वर्ष मर रहे हैं, उससे भी अधिक संख्या में घायल हो रहे हैं, अपंग भी हो रहे हैं। जिनको रोकना अत्यन्त आवश्यक है। लेकिन क्या इस कठोर मोटर वाहन कानून से ये दुर्घटनाएं रुक जायेंगी? इसमें संशय है। इसका कारण है हमारे देश में व्याप्त भ्रष्टाचार है। पहले ही जो मोटर वाहन कानून बना था, जिसमें जुर्माने व सज़ा का प्रावधान था, उसका दुरुपयोग किसी से छिपा नहीं, किस प्रकार यातायात पुलिस, पुलिस व यहां तक कि होमगार्ड वाले भी चालान न काट कर पैसे लेकर वाहन चालक को छोड़ देते हैं। दुर्घटनाओं को रोकने के लिए ज़रूरी है, ईमानदार व पर्याप्त संख्या में यातायात पुलिस कर्मियों की, जो नज़र नहीं आती। प्रत्येक चौराहे व सड़क के दोनों ओर पर्याप्त संख्या में कैमरे नहीं लगे हैं और न ही यातायात पुलिस कर्मी हैं, ऊपर से जो कैमरे लगे होते हैं, वे भी खराब कर दिये जाते हैं ताकि अवैध वसूली कर सकें। सरकार को चाहिए कि पहले भ्रष्टाचार को दूर करे। यातायात पुलिस कर्मियों की निगरानी के लिए उनके ऊपर ईमानदार अधिकारियों की नियुक्ति करें। उनके ऊपर भी गुप्तचर लगायें जो देखें कि कहीं ओवर लोडिड वाहनों से अवैध वसूली तो नहीं हो रही, तभी इस मोटर वाहन कानून से दुर्घटनाएं रुकेंगी अन्यथा नहीं।

—रमेश माहेश्वरी
ससौली, यमुनानगर (हरियाणा)
मो. 93549-11797