जहां प्लास्टिक के लिफाफे बंद नहीं हो सकते वहां नशा खत्म कैसे होगा

संगरूर, 20 अगस्त (अ.स.) : पंजाब सरकार द्वारा राज्य के अंदर नशों के बहते दरिया को रोकने के लिए चाहे लाख कोशिशें करने के दावे किए जा रहे हैं पर ज़मीनी स्तर पर यह दावे खोखले सिद्ध होते जा रहे हैं। पंजाब में लोक आवाज़ की बात करे तो लोगों का कहना है कि जिस राज्य में पाबंदी के बावजूद अभी तक प्लास्टिक के लिफाफे नहीं बंद हो सके उधर नशा किस तरह बंद हो जाएगा। वर्णनीय है कि सरकार द्वारा नशों की रोकथाम के लिए कई तरह की स्पैशल टीमों का गठन किया जा चुका है पर आए दिन ही पंजाब के किसी न किसी कोने में नशे की ओवरडोज़ के साथ नौजवानों की मौत होने के समाचार मिलते रहते हैं। पिछले कुछ समय से ऐसा प्रतीत होता है कि पंजाब में नशे खत्म होने या कम होने की जगह और बढ़ गए हैं क्योंकि अब पंजाब के कुछ हिस्सों में महिलाओं के भी नशों में ग्रस्त होने की खबरें सामने आ रही हैं और पिछले कुछ दिन पहले ही नशे की ओवर डोज के कारण एक नौजवान लड़की की भी मौत हो जाने की दुर्भाग्यपूर्ण खबर पंजाब में आग की तरह फैलती रही है। ठीक यही हाल पाबंदीशुदा प्लास्टिक लिफाफों का है क्योंकि हर शहर के बाजार में इन प्लास्टिक लिफाफों की बिक्री और इसका प्रयोग धड़ल्ले के साथ हो रहा है। राज्य के कुछ संगठनों द्वारा इन लिफाफों की रोकथाम के लिए कपड़े के थैले बांट कर जागरूकता मुहिम चलाने के यत्न भी आरम्भ किए गए है पर अफसरशाही की कुम्भ नींद के आगे यह मुहिम भी दम तोड़ गई। यहां यह भी वर्णनीय है कि जब भी बाज़ार में सरकारी स्तर पर किसी उच्चाधिकारी द्वारा प्लास्टिक लिफाफों की रोकथाम के लिए कोई कदम उठाया जाता है तो नगर कौंसिल और अन्य संबंधित विभागों का अमला कुछ घंटों के लिए फुर्ती बरतते हुए किसी न किसी एक दुकान या रेहड़ी पर लिफाफे कब्जे में लेकर अधिकारी के आगे खोखली वाहवाही ले रहे हैं पर संबंधित अधिकारी के बाज़ार में जाते ही स्थिति जस की तस बनी हुई है। नशों के खात्मे के संबंध में भी ऐसा प्रतीत है कि सरकार केवल दिखावे के तौर पर पाबंदी की कोशिशें कर रही हैं क्योंकि सरेआम उपयोग किए जा रहे प्लास्टिक लिफाफों पर अगर सरकार द्वारा रोक नहीं लग रही तो चोरी छुपे बिक रहे नशों पर लगाम किस तरह लगाई जा सकेगी।