पंजाब : नए बनाए 6 मंत्रियों की नियुक्ति को चुनौती

चंडीगढ़, 10 सितम्बर (सुरजीत सिंह सत्ती) : पंजाब में 6 विधायकों की मंत्री के दर्जे के तौर पर की गई नियुक्ति को हाईकोर्ट में चुनौती दे दी गई है। इस याचिका पर ऐतराज़ समाप्त होने के उपरांत जल्द ही सुनवाई होने की संभावना है। मुख्य सचिव करण अवतार सिंह द्वारा एक आदेश जारी कर अमरेन्द्र सिंह राजा बडिं़ग, कुशलदीप सिंह ढिल्लो, कुलजीत सिंह नागरा, संगत सिंह गिलजियां, इंदरबीर सिंह प्रवक्ताओं और तरसेम सिंह डीसी को मुख्यमंत्री के सलाहकार बनाया गया था और इनमें से पांच को कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया है जबकि एक को राज्य मंत्री का दर्जा दिया गया है। हाईकोर्ट के ही वकील जे.एस.भट्टी ने याचिका दाखिल कर इस फैसले को गैर-संवैधानिक करार देते हुए जहां यह नियुक्तियां रद्द करने की मांग की है, वहीं सरकार को निलंवित किए जाने की मांग भी हाईकोर्ट से की है। याचिका में मुख्यमंत्री  कैप्टन अमरेन्द्र सिंह को भी पक्ष बनाया गया है। याचिका में कहा गया है कि पहली बात यह है कि यह नियुक्तियां कोई सरकारी नौकरी की नियुक्ति न होकर मंत्री के तौर पर की गई नियुक्तियां हैं और ऐसी नियुक्तियां करने का अधिकार क्षेत्र राज्यपाल के पास होता है और मुख्य सचिव द्वारा ऐसी नियुक्तियां कर नियमों की अनदेखी की गई है। दूसरा तथ्य उजागर किया गया है कि इन नियुक्तियों से उस संवैधानिक संशोधन की उल्लंघना हुई है, जिसमें किसी राज्य में मुख्यमंत्री सहित अन्य मंत्रियों की संख्या राज्य के कुल विधायकों की संख्या के 15 प्रतिशत हिस्से से अधिक न होने की प्रस्ताव बनाई गई थी। कहा कि पंजाब में 15 प्रतिशत से अधिक मंत्री हो गए हैं और इन तथ्यों से मांग की है कि 15 प्रतिशत से अधिक मंत्री का दर्जा प्राप्त विधायकों से यह पद पर ओर सुविधाएं वापिस ली जानी चाहिए, क्योंकि यह सुविधाएं लोगों द्वारा अदा किए गए टैक्सों से आती है और लोगों के पैसों को खराब नहीं किया जा सकता। याचिका में यह मांग भी की गई है कि वित्त विभाग को उक्त नए मंत्री दर्जा हासिल करने वाले विधायकों को कोई वित्तीय लाभ न देने का आदेश दिया जाए और सरकार को आदेश दिया जाए कि वह नए बनाए सलाहकारों को काम शुरू न करने दें। अभी यह याचिका हाईकोर्ट में दाखिल की गई है और सारे ऐतराज़ समाप्त होने पर सुनवाई हित बैंच के सामने आएंगे।