गांवों में पानी के छप्पड़ बनते जा रहे हैं गंदगी का भंडार

पोजेवाल सरां, 10 सितम्बर (नवांगराईं) : पंजाब में पानी के छप्पड़ वर्तमान में गंदगी का भंडार बने हुए हैं और गांवों में बीमारियां फैलने का कारण बन रहे हैं। पहले समय में काफी लोग इन छप्पड़ों के पानी को पीने के लिए प्रयोग में लाते थे और फिर जब 70 से 80 के दहाके में सरकारों द्वारा पीने वाले पानी के गहरे टियूबवैल लगा दिए तो इन छप्पड़ों के पानी को पशुओं के लिए प्रयोग में लाया जाने लगा। धीरे-धीरे पंजाब विकास की राहों पर चलने लगा और लोगों को पानी की सुविधा काफी मिलने लग पड़ी और लोगों द्वारा इन छप्पड़ों के पानी को प्रयोग में लाना बिल्कुल बंद कर दिया। पहले समय में जब इन छप्पड़ों के पानी को आम ज़िंदगी के लिए प्रयोग किया जाता था तब इन छप्पड़ो में केवल और केवल बारिश का पानी ही पाया जाता था इस पानी को साफ सुथरा रखने के लिए हर संभव प्रयत्न किया जाता था। समय की चाल ने अब यह छप्पड़ गंदगी से भर दिए गए आज इन छप्पड़ों ही हालत यह है कि यह छप्पड़ लोगों के लिए केवल नर्क का घर हैं। अब लोगों द्वारा इन छप्पड़ों में गलियों नालियों का पानी डाला हुआ है और यह छप्पड़ दूर-दूर तक बदबू मार रहे हैं और इनके आस-पास रह रहे घरों के लोगों का जीना दूभर किया हुआ है। जो छप्पड़ एक समय लोगों के लिए वरदान होते थे और वहीं छप्पड़ अब सरकारों की अनदेखी कारण लोगों के लिए नर्क बने हुए हैं। पहले समय में लोगों द्वारा इन छप्पड़ों का निर्माण अपनी सहूलत के लिए बिल्कुल गांवों के मध्या करवाया गया था, पर आज लोग इन छप्पड़ों को गांवों में से बाहर करने की कोशिश कर रहे हैं यां इनको भरने की गुहार लगा रहे हैं। आज तक किसी भी सरकार ने इन छप्पड़ों की सफाई की ओर कोई ध्यान नहीं दिया जिस कारण इन छप्पड़ों के आस-पास रह रहे लोग नर्क भरी ज़िंदगी जी रहे हैं और बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। इन छप्पड़ों संबंधी कुछ गांवों के लोगों के साथ बातचीत करने का मौका मिला तो उन्होंने बताया कि इन छप्पड़ों में अब लोगों द्वारा अपने घरों के बाथरूम का पानी भी डाला जा रहा है जिससे इन छप्पड़ों का पानी काफी दूषित है। लोगों को भयानक बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है। इन लोगों की मांग है कि या तो इन छप्पड़ों को भरा जाए या फिर इन छप्पड़ों की सफाई की ओर विशेष ध्यान देकर इनकी सफाई करवाई जाए।