भारत सरकार ने अपनी काली सूची से हटाए 312 सिक्खों के नाम 

नई दिल्ली, 13 सितम्बर  (उपमा डागा पारथ, एजेंसी ) : गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को बताया कि भारत-विरोधी गतिविधियों में शामिल रहे 312 विदेशी सिखों के नाम काली सूची से हटा दिए गए हैं। अब इस सूची में सिर्फ दो नाम बचे हैं। विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों ने विदेशी सिख नागरिकों के नामों वाली काली सूची की समीक्षा की और उसके बाद यह फैसला लिया गया।  विदेशी सिख नागरिकों संबंधी काली सूची के, विदेश में विभिन्न भारतीय मिशनों द्वारा प्रबंधन किए जाने के काम को भी भारत सरकार ने बंद कर दिया है। अधिकारी ने बताया कि भारत सरकार ने सिख समुदाय से ताल्लुक रखने वाले 314 विदेशी नागरिकों के नामों की काली सूची की समीक्षा की और अब इस सूची में सिर्फ दो नाम हैं। इस काली सूची से जिन लोगों के नाम हटाए गए हैं, वह अब भारत में अपने परिवारों से मिलने आ सकते हैं और अपनी ज़मीन से दोबारा जुड़ सकते हैं। दरअसल 1980 में भारत के कई सिख नागरिक और सिख समुदाय से ताल्लुक रखने वाले  कई विदेशी नागरिक भारत विरोधी दुष्प्रचार में कथित तौर पर शामिल थे। भारत के कुछ सिख नागरिक यहां सजा से बचने के लिए अन्यत्र चले गए और विदेशों के नागरिक बन गए तथा वहां शरण ले ली। ऐसे लोगों को 2016 तक काली सूची में रखा गया था, जिसके बाद वह भारतीय वीजा हासिल करने के पात्र नहीं थे। एक अन्य अधिकारी ने बताया कि अब यह प्रक्रिया ही बंद कर दी गई है। अधिकारी ने बताया कि विदेश में सभी भारतीय मिशनों/पोस्ट्स को सलाह दी गई है कि जो इस सूची में शामिल नहीं है, ऐसे सभी वर्गों के लोगों को और उनके परिवारवालों को उपयुक्त वीज़ा मुहैया कराया जाए, जिन्होंने विदेशों में शरण ली है। उन्होंने बताया कि शरण लेने वाले सभी वर्गों के लोग जो लंबी अवधि के लिए वीजा लेने के पात्र होंगे, वह ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया कार्ड के लिए पंजीकरण करा सकते हैं। यह प्रक्रिया 2 वर्ष के वीज़ा के लिए आवेदन करने और उसे हासिल करने के बाद ही की जा सकती है।