अप्रैल 2020 तक अध्यापकों की कमी होगी दूर : सिंगला

जालन्धर, 13 सितम्बर ( मेजर सिंह ) : प्राकृतिक स्रोतों का भरपूर उपयोग करने व स्कूलों के खर्च घटाने के लिए पंजाब सरकार द्वारा पहले पड़ाव में 1250 सरकारी स्कूलों में सौर ऊर्जा प्लांट लगाए जा रहे हैं। इन प्लांटों से पैदा होती सौर बिजली जहां स्कूलों में बिजली ज़रूरतें पूरी करेगी, वहीं अतिरिक्त पैदा की गई बिजली से आय भी अर्जित होगी।  यह जानकारी आज यहां ‘अजीत भवन’ में विशेष भेंटवार्ता के दौरान पंजाब के शिक्षा व लोक निर्माण मंत्री विजय इंद्र सिंगला ने दी। यह प्लांट केन्द्र सरकार की योजना के तहत 60:40 के अनुपात फंडों से लगेंगे। सिंगला ने बताया कि पंजाब के सरकारी स्कूलों में शिक्षा के स्तर को ऊंचा उठाने के लिए स्मार्ट स्कूल बनाए जा रहे हैं। अब तक पंजाब में 3400 स्कूल स्मार्ट बनाए जा चुके हैं। ऐसे स्कूलों में सोलर पैनल, बायोमैट्रिक, एल.ई.डी., प्रोजैक्टर, टैबलैट व अन्य आधुनिक सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि हम दानी सज्जनों, प्रवासी पंजाबियों व समाजसेवी संगठनों से अपील कर रहे हैं कि वह स्कूलों में कमरे तैयार करने में मदद करने के लिए आगे आएं, बाकी की पढ़ाई के लिए आधुनिक सामान सरकार खुद मुहैया करवाएगी। उन्होंने बताया कि स्मार्ट स्कूल बनाने के लिए 300 करोड़ रुपए गत वर्ष आए थे और इस वर्ष 350 करोड़ रुपए और खर्च किए जाएंगे। उन्हाेंने यह बात स्वीकार की कि पंजाब में गत वर्षों के दौरान बड़े बिगाड़ पैदा हुए थे और अब इन्हें दूर करने के लिए 3-4 वर्ष लगेंगे।
आनलाइन तबादले अच्छा अनुभव 
विजय इंद्र सिंगला ने बताया कि शिक्षा विभाग बारे अपनाई गई आनलाइन विधि का अनुभव बेहद सफल रहा है। इस विधि से भ्रष्टाचार व होती परेशानी पर अंकुश लगा है और अध्यापकों को खुद भी बड़ी संतुष्टि हुई है। इस विधि का सबसे बड़ा लाभ यह है कि ग्रामीण व शहरी क्षेत्र में अध्यापकों की एकरूपता व सही तैनाती के लिए नियम बन गए हैं। उन्होंने बताया कि अध्यापकों की रैशनेलाइजेशन का काम 31 दिसम्बर तक पूरा हो जाएगा और उसके बाद अध्यापकों  की कमी का सही पता चल जाएगा। उन्होंने बताया कि 2 हज़ार के करीब अध्यापकों की इस समय कमी है और यह कमी अप्रैल 2020 तक पूरी कर दी जाएगी और शिक्षा के लिए कोई कमी नहीं आने दी जाएगी।
वर्दियों बारे केन्द्रीयकरण की नीति त्यागी  
शिक्षा मंत्री ने बताया कि पिछले वर्ष स्कूली विद्यार्थियों को वर्दियां देने में आई समस्या के कारण वर्दियों की खरीद में उपयोग की गई केन्द्रीयकरण की नीति खत्म करने का फैसला लिया गया है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष या तो वर्दियों के पैसे विद्यार्थियों के अभिभावकों के बैंक खातों में डाल दिए जाएंगे या फिर स्कूल प्रबंधक कमेटियों को पहले की तरह वर्दियों की खरीद का जिम्मा दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि निजी स्कूलों द्वारा वर्दियां व किताबें विशेष दुकानों से खरीदे जाने की व्यवस्था बंद करने की हिदायत की गई है। निजी स्कूलों को कहा है कि वह अपनी वर्दी के रंग बारे वैबसाइट पर डालें ताकि अभिभावक किताबें व वर्दियां जहां से मर्जी खरीद सकें। उन्होंने बताया कि इस हिदायत पर अमल न करने वाले स्कूलों की मान्यता रद्द की जा सकती है। उन्होंने बताया कि भर्ती किए अस्थाई चले आ रहे अध्यापकों को रैगुलर करने का प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा कि अध्यापक भर्ती करते समय किसी से भी समझौता नहीं किया जाएगा और स्तरीय शिक्षा को ऊंचा रखने का लक्ष्य रखा जाएगा।
बाबा नानक की चरणस्पर्श वाले गांवों को 50-50 लाख की ग्रांट 
सिंगला ने बताया कि श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाशोत्सव को समर्पित होकर बाबा नानक की चरणस्पर्श  प्राप्त 67 गांवों के गुरुद्वारा साहिबान के आसपास को स्वच्छ बनाने व विकसित करने के लिए 50-50 लाख रुपए की ग्रांट दी जा रही है। यह फंड कई गांवों को दिए भी जा चुके हैं।
गलियारे का काम निर्धारित समय पर होगा मुकम्मल
लोक निर्माण मंत्री सिंगला ने बताया कि करतारपुर साहिब गलियारे का निर्माण कार्य ज़ोर-शोर से चल रहा है और अक्तूबर के अंत तक सारा काम मुकम्मल हो जाएगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री गलियारे व सुल्तानपुर लोधी में होने वाले समागमों की तैयारी के लिए पूरी सुदृढ़ता व समर्पण से काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत सरकार  द्वारा भी सहयोग दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि करतारपुर साहिब के दर्शनों के लिए पासपोर्ट की शर्त हटाई जानी चाहिए और पहचान वाले कोई भी दस्तावेज़ देखकर जाने की अनुमति  होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि विशेषरूप से ग्रामीण क्षेत्र की बड़ी संख्या अभी भी पासपोर्ट से वंचित है और पासपोर्ट की शर्त ऐसे लोगों के गुरुद्वारा साहिब के दर्शनों के लिए जाने की तमन्ना पूरी होने में बाधा बनेगी।