उड़ीसा के मुख्यमंत्री को मंगू मट्ट गिराने का फैसला वापस लेने की अपील

चंडीगढ़, 14 सितम्बर (अ.स.): मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने उड़ीसा के अपने हमरुतबा को पत्र लिख कर श्री गुरु नानक देव जी से संबंधित मंगू मट्ट गिराने बारे उनकी सरकार के फैसले को वापस लेने की अपील की है। कैप्टन ने मट्ट को गिराने के कदम को दुर्भाग्यपूर्ण बताया जिसकी सिख भाईचारे के लिए सदियों पुरानी महत्तता है क्योंकि जो श्री गुरु नानक देव जी पवित्र मंदिर गए थे जहां आप जी ने परमात्मा एक है का विश्व व्यापी संदेश दिया था। कैप्टन ने कहा कि यह जानकार गहरी ठेस पहुंची है कि जब पूरा विश्व पहले सिख गुरु श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाशोत्सव के पवित्र मौके को मनाने के लिए बड़े स्तर पर तैयारियों में जुटा हुआ तो उस समय उड़ीसा सरकार द्वारा ऐतिहासिक मट्ट को गिरा देने बारे फैसला लिया गया, जबकि यह मट्ट सिख धर्म व जगननाथ मंदिर मध्य आपसी संबंध होने का प्रतीक है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार उड़ीसा सरकार ने जगननाथ मंदिर के ‘मेघानाद प्राचीर’ के 75 मीटर अंदर के हिस्से में विरासती गलियारे का रास्ता बनाने के लिए ऐतिहासिक तौर पर अहमियत रखते मट्ट को गिराने का फैसला लिया। उन्हाेंने कहा कि एक सिख प्रचारक व उदासी सम्प्रदा के धूड़ी के प्रमुख भाई अलमसत द्वारा वर्ष 1615 में स्थापित किये मंगू मट्ट में वर्ष 1670 में श्री गुरु तेग बहादुर जी ने भी अपने चरण डाले थे।