गांधी परिवार की नकारात्मक सोच

स्व.पंडित जवाहर लाल नेहरू ने कश्मीरियों के प्रति अथाह प्रेम के चलते ऐसा काम कर दिखाया जो उनकी मृत्यु के उपरांत भी दुखद सिद्ध हुआ। उन्होंने किस आधार पर कश्मीर की पेचीदा समस्या को अपने हाथ में रखा और देश की प्रभुसत्ता के लिए एक प्रश्न-चिन्ह खड़ा कर दिया। धारा 370 और 35 ए  को जम्मू-कश्मीर में लागू करके यहां अलगाववाद पैदा कर दिया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने अपनी सूझबूझ और कड़े प्रयासों से धारा 370 और 35-ए को निकाल फैंका। मैं कहना चाहूंगा कि यह राष्ट्रवादी समर्थकों की बड़ी जीत है। लेकिन कांग्रेस ने विशेषकर गांधी परिवार ने खुलकर इसकी डटकर खिलाफत की और बेतुकी बयानबाज़ी की। गांधी परिवार ने देश की एकता को तार-तार करने से भी परहेज नहीं किया और कश्मीरी अलगाववादियों का भरपूर साथ दिया। मुझे लगता है कि राहुल गांधी और उनके साथी कांग्रेसी देश की उन्नति पर कटाक्ष करने में अपना परमोधर्म मान बैठे हैं और पाक पर हर हमले का सबूत मांगने में अपना परम कर्त्तव्य मान बैठे हैं। यदि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कश्मीर की ज्वलंत कश्मीर समस्या का समाधान न करते तो यह समस्या राक्षसी रूप धारण कर लेती। कश्मीर को भारत के साथ अर्थात् मुख्य धारा में लाने से और पाक अधिकृत कश्मीर को आज़ाद कराने और भारत के साथ मिलाने से नए भारत उदय से भारत जय जयकार के नारे से गुंजायमान होगा।

—राम प्रकाश शर्मा
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