गया से पहले औरंगाबाद में पिंडदान, श्रद्धालुओं का लगा तांता

औरंगाबाद (बिहार), 16 सितम्बर (वार्ता): पितृपक्ष के दौरान पितरों को मोक्ष की प्राप्ति के लिए बिहार के गया में पिंडदान से पहले देश-विदेश से आये श्रद्धालु औरंगाबाद जिले के सिरिस और जम्होर स्थित पुनपुन नदी के किनारे पिंडदान करते हैं।  पितृपक्ष के दौरान अपने पूर्वजों को प्रथम पिंडदान देने के लिए यहां के सिरिस और जम्होर स्थित पुनपुन नदी के किनारे श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है। अब तक यहां देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु प्रथम पिंडदान अर्पित करने के लिए पहुंच चुके हैं और पूरे विधि विधान से प्रथम पिंडदान पुनपुन नदी के किनारे समर्पित कर पिंडदान की प्रक्रिया को अंतिम रूप देने के लिए गया की ओर रवाना हो रहे हैं।  राष्ट्रीय राजमार्ग 02 के किनारे सिरिस स्थित पुनपुन घाट पितृपक्ष को लेकर श्रद्धालुओं से पटा पड़ा है और प्रतिदिन तड़के से ही पिंडदान का सिलसिला शुरू हो जाता है। बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आगमन और पूजन की विविध परंपराओं के विधान से पूरा माहौल धार्मिक हो गया है। देश के विभिन्न राज्यों से आए श्रद्धालुओं ने बताया कि गया में पिंडदान करने के पूर्व पुनपुन नदी के घाट पर प्रथम पिंडदान किया जाता है और इसी दृष्टिकोण से वे यहां आकर पिंडदान कर रहे हैं। वहीं, पिंडदान करा रहे पुजारी सुरेश पाठक ने बताया कि सिरिस में पुनपुन नदी के घाट पर पिंडदान का विशेष महत्व है और यहां पिंडदान करने से सीधे मोक्ष की प्राप्ति होती है।