एनआरसी में ट्रांसजेंडर के लिए कोई जगह नहीं थी - स्वाति बिधान बरुआ

दिसपुर,17 सितंबर - असम की पहली महिला ट्रांसजेंडर जज और एनआरसी से करीब 2000 ट्रासजेंडर को निकाले जाने के मामले की याचिकाकर्ता स्वाति बिधान बरुआ ने कहा कि ज्यादातर ट्रांसजेंडर को छोड़ दिया गया था, उनके पास 1971 से पहले के दस्तावेज नहीं हैं। ऑब्जेक्शन ऐप्लिकेशन में जेंडर कैटिगरी में 'अन्य' का विकल्प नहीं है।