तेल के उफान से फिसला शेयर बाज़ार

मुंबई/नई दिल्ली, 17 सितम्बर (एजेंसी) : शेयर बाज़ारों में मंगलवार को लगातार दूसरे दिन गिरावट आयी और सेंसेक्स 642 अंक टूटकर 36,481.09 अंक पर बंद हुआ। निवेशकों को आशंका है कि कच्चे तेल के दाम में तेज़ी से देश की राजकोषीय स्थिति बिगड़ सकती है और इसके कारण अर्थव्यवस्था की समस्या बढ़ेगी। सऊदी अरब के तेल संयंत्रों पर ड्रोन से हमलों के बाद कच्चे तेल के दाम में तेज़ी के बीच वैश्विक स्तर पर कमजोर धारणा का असर घरेलू बाज़ार पर पड़ रहा है। तीस शेयरों वाला सेंसेक्स 642.22 अंक यानी 1.73 प्रतिशत की गिरावट के साथ 36,481.09 अंक पर बंद हुआ। एक समय इसमें 704 अंक तक की गिरावट आ गई थी। इसी प्रकार नेशनल स्टाक एक्सचेंज का निफ्टी भी 185.90 अंक यानी 1.69 प्रतिशत की गिरावट के साथ 10,817.60 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स के जिन शेयरों में अधिक गिरावट दर्ज की गई, उनमें हीरो मोटो कार्प, टाटा मोटर्स, एक्सिस बैंक, टाटा स्टील, मारुति और एसबीआई शामिल हैं। इन शेयरों में 6.19 प्रतिशत तक की गिरावट आई।
हमलों से कच्चे तेल बाज़ार में उथल-पुथल के बीच भारत में पेट्रोल और डीज़ल की कीमतों में 5 जुलाई के आम बजट के दिन के बाद सबसे बड़ा उछाल दर्ज किया गया। दिल्ली में पेट्रोल का दाम 14 पैसे बढ़ कर 72.17 रुपए प्रति लीटर और डीज़ल 15 पैसे तेज़ हो कर 65.58 रुपए प्रति लीटर पर पहुंच गया। देश के सरकारी तेल कंपनियों ने यह जानकारी दी है। अंतर्राट्रीय बाज़ार में कच्चे तेल के दाम में कारोबार के दौरान सोमवार को 20 प्रतिशत के भारी उछाल के बाद भारत में सरकारी तेल विपणन कंपनियों ने मंगलवार को पेट्रोल डीज़ल के दाम में यह वृद्धि की है। अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में करीब 30 साल बाद कच्चे तेल के दाम में एक दिन में इतना बड़ा उछाल आया है। बाजार अंत में 15 प्रतिशत की तेजी के साथ बंद हुआ था। 
पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा है कि भारत स्थिति पर बराबर निगाह रखे हुए है। भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा पेट्रोलियम उपभोक्ता है। उन्होंने राजधानी में संवाददाताओं से कहा कि जब कीमतें उछलती हैं तो चिंता अवश्य होती है। शनिवार की घटना के बाद की स्थिति हमारे लिए चिंता की बात है। लेकिन प्रधान ने यह भी कहा कि सऊदी अरब से भारत की तेल की आपूर्ति प्रभावित नहीं हुई है। भारत के लिए वह इराक के बाद कच्चे तेल का दूसरा सबसे बड़ा स्रोत है।