नहीं लड़ूंगा पंजाब में होने जा रहे उपचुनाव : जाखड़

चंडीगढ़, 17 सितम्बर (विक्रमजीत सिंह मान): त्यागपत्र नामंजूर होने के पश्चात पंजाब कांग्रेस प्रधान सुनील जाखड़ ने पंजाब कांग्रेस भवन चंडीगढ़ में पार्टी के सांसदों, विधायकों, जिला प्रधानों एवं अन्य पदाधिकारियों की बैठक बुलाई। लम्बे समय तक राजनीतिक गतिविधियों से दूर रहने के बाद मीडिया के रुबरू हुए जाखड़ के तेवर बदले-बदले दिखाई दे रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने घोषणा की कि वह राज्य में होने जा रहा उपचुनाव नहीं लड़ेंगे और इस सम्बन्धी उन्होंने पार्टी हाईकमान को भी अवगत करवा दिया है। इस दौरान वह कांग्रेस के सरकार बनने के लगभग तीन वर्ष पश्चात भी राज्य की अफसरशाही से निराश नज़र आए। उन्होंने कहा कि विधायक लोगों द्वारा चुनकर आते हैं परन्तु यदि अधिकारी शासन करें तो यह सही नहीं। उन्होंने कहा कि अफसरशाही के हाथों से ताकत लेकर कार्यकर्ताओं तक पहुंचाई जाएगी ताकि उनको अहसास हो सके कि राज्य में उनकी पार्टी की सरकार है। बैठक बारे बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि पार्टी प्रधान सोनिया गांदी द्वारा दिए गए निर्देशों के तहत महात्मा गांधी का 150वां जन्मदिन मनाया जाएगा और जहां सड़कों पर उतरकर केन्द्र सरकार की गलत नीतियों के खिलाफ लोगों को एकजुट किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि बैठक में यह फैसला भी किया गया कि पंजाब में कांग्रेस में भर्ती अभियान चलाया जाएगा जिसके बारे कार्यकर्ताओं की ट्रेनिंग भी दी जाएगी। आने वाले दिनों में जिला प्रधान की बैठक बुलाकर उनके क्षेत्रों की छिपी समस्याओं बारे भी फीड बैक लिया जाएगा। एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि पार्टी के संगठनात्मक ढांचे में परिवर्तन भी किया जाएगा और भर्ती अभियान दौरान बूथों पर मंत्रियों, विधायकों, सांसदों के अतिरिक्त मुख्यमंत्री भी जाकर कार्यकर्ताओं में रोष भरेंगे। एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि जिन अधिकारियों बारे कोई शिकायत आती है तो ऐसे अधिकारियों के तबादले इसका हल नहीं है, बल्कि वह अधिकारियों को यह संदेश देना चाहते हैं कि वह लोगों के लिए हैं उनको लोगों के कार्य करने पड़ेंगे। पंजाब मामलों की इंचार्ज आशा कुमारी ने कहा कि चेयरमैन लगाने के मामले में मैं स्वयं सुनील जाखड़ एवं मुख्यमंत्री बैठकर तय करते हैं और इससे पहले सूचियां बनाकर राहुल गांधी को भी भेजी जाती रही है। विधायक सिमरजीत सिंह बैंस के मुद्दे पर जाखड़ ने कहा कि उस मामले में डी.सी. जहां मर्यादा में रहकर बात कर रहे ते वहीं बैंस अपनी सीमा लांघ गए।
 उन्होंने कहा कि अकाली दल यदि यह बोल रहा है कि हमने वायदे पूरे नहीं किए या विकास का कोई कार्य नहीं किया तो लोकसभा चुनावों में 13 में से 8 सीटें कैसे आ गईं। सरकार द्वारा विधायकों को सलाहकार लगाए जाने के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि यदि ज़रूरत पड़ेगी तो अन्य नियुक्तियां भी होंगी और अकाली दल ने 2007 में 26 सी.पी.एस. लगाए थे।