निर्माण के लिए अब ज़मीदोज़ पानी के प्रयोग पर पाबंदी

चंडीगढ़, 18 सितम्बर (सुरजीत सिंह सत्ती): पंजाब में धरती निचले पानी की सम्भाल के लिए एक और बड़ा प्रयास करते हुए सरकार ने एक नई पालिसी बनाकर निर्माणों के लिए धरती निचले पानी के प्रयोग पर पाबंदी लगा दी है। इस पालिसी के लिए अधिसूचना भी जारी की जा चुकी है, जिसकी जानकारी धरती निचले पानी का दुरुपयोग रोकने संबंधी दाखिल सात वर्ष पुराने एक मामले में हाईकोर्ट में दी गई। नई नीति के अनुसार निर्माण के लिए शोधे हुए पानी का पुन: प्रयोग किया जाएगा तथा यही पानी आग बुझाने व बागबानी के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। शोध हुए पानी का उपरोक्त उद्देश्य के लिए प्रयोग के लिए उक्त नीति पांच माह बाद लागू हो जाएगी तथा उक्त उद्देश्यों के लिए धरती निचले पानी का इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा। यह पांच माह सरकार ने इस नीति को लागू करने के लिए ढांचा स्थापित करने के लिए रखे हैं, जिसके तहत सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांटों से संशोधित हुआ पानी प्रयोग के स्रोतों तक पहुंचाने का प्रबंध होगा। जहां ट्रीटमैंट प्लांट नहीं है, वहां ढांचा स्थापित करने के लिए सरकार ने दो वर्ष का समय रखा है। वर्णनीय है कि एडवोकेट एच.सी. अरोड़ा ने एक जनहित याचिका दाखिल कर निर्माण के लिए धरती निचले पानी निकालने पर मुकम्मल पाबंदी लगाने की मांग की थी। उन्होंने हाईकोर्ट का ध्यान दिलाया था कि सैन्ट्रल ग्राऊंड वाटर अथारिटी ने पंजाब के धरती निचले पानी के गिरते स्तर के गंभीर हालात के मद्देनज़र कई ब्लाकों को नोटीफाइड एरिया घोषित कर दिया था तथा अथारिटी द्वारा सरकार को कई निर्देश भी दिए गए थे कि निर्माण के लिए धरती निचले पानी का प्रयोग रोका जाए।