पराली जलाने पर किसानों को नहीं होगा जुर्माना

चंडीगढ़, 19 सितम्बर (सुरजीत सिंह सत्ती ) : किसानों को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। इस बार धान की कटाई दौरान किसानों को पराली जलाने पर जुर्माना नहीं लगाया जा सकेगा, क्योंकि हाईकोर्ट ने इस पर रोक लगा दी है। हालांकि आपराधिक कार्रवाई, जैसे कि एफ.आई.आर. दर्ज करने की कार्रवाई करने पर सरकार को नहीं रोका गया है, परंतु सरकारों से पूछ लिया गया है कि पराली संभालने के लिए क्या प्रयास किए गए हैं। जस्टिस आर.एन. रैना की एकल बैंच ने सरकार को कई आदेश जारी करते हुए मामला लोकहित याचिका में तबदील करते हुए चीफ जस्टिस द्वारा भेज दिया है। इससे पहले एकल बैंच ने जहां किसानों पर पर्यावरण मुआवज़े के तौर पर लगाए जाते जुर्माने पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है, वहीं पंजाब खेतीबाड़ी यूनिवर्सिटी व हरियाणा खेतीबाड़ी यूनिवर्सिटी को जवाब देने के लिए कहा है कि पराली जलाने के विकल्प के तौर पर क्या समाधान किए जा सकते हैं। बैंच ने यूनिवर्सिटयों को कहा कि वह पराली जलाने की समस्या के लिए किसानों के साथ भी बातचीत कायम करे। बैंच ने सरकार से पूछा है कि पराली जलाने के लिए किसानों को प्रति एकड़ 5 हज़ार रुपए देने संबंधी क्या किया और साथ ही सुझाव के तौर पर पूछा है कि जब तक पराली जलाने के लिए पक्के प्रबंध नहीं होते, तब तक शामलात ज़मीनों और वन विभाग की ज़मीन में पराली रखी जा सकती है। बैंच ने केन्द्र सरकार के स्वास्थ्य सचिव को नोटिस जारी करते हुए पूछा है कि पराली जलाने की समस्या से निपटने के लिए क्या किया गया है। बैंच ने यह टिप्पणी भी की है कि एक घर में 3 से 4 कारें हैं और यह गाड़ियां सारा वर्ष प्रदूषण फैलाती हैं, जबकि किसानों द्वारा पराली सिर्फ 15 दिनों के सीजन में ही जलाई जाती है और ऐसा गाड़ियों से निलकते प्रदूषण को रोकने के लिए किया गया है।