कनॉडा में किसी की भी सरकार बने भारतीयों की होगी अलग पहचान

एडमिंटन, 4 अक्तूबर (दर्शन सिंह जटाणा): कैनेडा में 21 अक्तूबर को होने जा रही 43वीं संसदीय चुनावों की 338 सीटों पर 18 पंजाबी महिलाओं सहित 50 भारतीय मूल के लोग चुनाव मैदान में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। वर्णनीय है कि पिछली बार बरैंमटन, मिसीसागा, अल्बर्टा, बी.सी. में पंजाबी विजयी रहे थे और पिछली बार इन चुनावों में केवल 38 भारतीय लोग मैदान में थे और इस बार 12 और भारतीय अपनी-अपनी पार्टी से जुड़ कर पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं जिनमें डाक्टर, वकील, पत्रकार, बिजनसमैन शामिल हैं। कैनेडा में खास तौर पर कंज़रवेटिव पार्टी, लिबरल पार्टी था एन.डी.पी. पार्टियों में काफी जटिल मुकाबला चल रहा है यदि नये सर्वे को देखा जाये तो पिछली सप्ताह कंज़रवेटिव पार्टी जिसका नेतृत्व एंड्रियू शीयर कर रहे हैं वह क्यूबक में लिबरल पार्टी से कुछ आगे चल रही थी पर पिछली रात नये सर्वेक्षण के अनुसार लिबरल ने उसको पीछे छोड़ दिया है और आज यह पार्टी आगे चल रही है क्योंकि इस प्रदेश में ही अधिक सीटें जीतने वाली पार्टी केन्द्र में सरकार बनाती है और उसको कम ओंटारियो है जहां लिबरल पहले ही विरोधी पार्टी से आगे चल रही है। पिछले दिनों अलबर्टा के एडमिंटन में कंज़रवेटिव पार्टी का उम्मीदवार लिबरल से काफी आगे था पर जैसे-जैसे मतदान का दिन नज़दीक आ रहा है लिबरल का उम्मीदवार मुकाबले में आ गया क्योंकि कैनेडा के लोग यह सोच कर अपनी वोट डालते हैं कि यदि केंद्र में जिस उम्मीदवार की सरकार बनती है तो सांसद भी उस पार्टी का चुना जाना तय होता है। राजनीतिक पंडित यह भी अनुमान लगा रहे हैं कि यदि लिबरल एन.डी.पी. की मदद से सरकार बनाती है तो कैनेडा के इतिहास में पहला सिख उप प्रधानमंत्री जगमीत सिंह के रूप में हो सकता है।