अर्जियां देने वाले 7800 किसानों में सिर्फ 50 फीसदी ने ही करवाए बिल जमा

वरसोला, 10 अक्तूबर (वरिंदर सहोता) : वातावरण की शुद्धता को ध्यान में रखते हुए देश के किसानों को पराली, नाड़ और फसलों की अन्य अवशेषों को आग लगाने की बजाए खेतों में ही दबा देने के लिए उत्साहित करने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा एक विशेष स्कीम चलाई जा रही है। इसके तहत किसानों को फसलों के अवशेष खेतों में ही दबा देने के लिए ज़रूरी मशीनरी 80 और 50 फीसदी सबसिडी मुहैया करवाई जा रही है। जो किसान ग्रुप बना कर यह मशीनरी खरीदते हैं, उनको 80 फीसदी और जो अकेले तौर पर मशीनरी खरीदते हैं, उनको 50 फीसदी सबसिडी दी जाती है। मशीनरी किसानों को देने के लिए सरकार द्वारा 9 अगस्त तक अर्जियां मांगी गई हैं। इस दौरान पंजाब के 7800 किसानों ने अर्जियां दी है। पर अब आज जब मशीनरी खरीदने संबंधित दफ्तरों में बिल जमा करवाने के लिए 10 अक्तूबर अंतिम दिन था तो इस दौरान पंजाब के उक्त 7800 किसानों में सिर्फ 50 फीसदी किसानों ने ही मशीनरी खरीद के बिल जमा करवाए है। इस संबंधी जांच करने पर यह बात सामने आई कि आर्थिक तंगी के चलते बहुत से किसान मंजूरी मिलने के बावजूद भी मशीनरी नहीं खरीद सके। जबकि कइयों को संबंधित कंपनियों द्वारा मशीनरी देने में देरी कर दी गई है। एक संबंधित अधिकारी ने बताया कि धान की कटाई लेट होने के कारण और गन्ने के पैसे न मिलने के कारण पैसों की कमी के चलते अनेकों किसान मशीनरी नहीं खरीद सकते। इस दौरान बार्डर एरिया किसान वैल्फेयर सोसायटी के एग्जैक्टिव सदस्य गुरदीप सिंह, तरजिंदर सिंह लखोवाल, दलबीर सिंह सिंघोवाल और ज्ञानी रत्न सिंह ने सरकार से मांग की कि मशीनरी खरीद के बिल जमा करवाने की आज समाप्त हुई तारीख को एक महीने के लिए बढ़ाया जाए ताकि अकेला किसान धान बेच कर और गन्ने के पैसे मिलने पर मशीनरी ले सकें।