आलोचनाओं ने बनाया रोहित शर्मा को रिकॉर्ड मैन

टेस्ट मैचों में अपने प्रदर्शन को लेकर लगातार आलोचनाएं झेलने वाले रोहित शर्मा से ओपनिंग क्या करवायी गई, उन्होंने एक झटके में ही न सिर्फ  अपने आलोचकों की बोलती बंद कर दी बल्कि रिकॉर्डों की झड़ी लगा दी। हिट मैन के नाम से मशहूर रोहित शर्मा ने लगता है एक ही मैच में वो सारी कसर निकाल दी जो पिछले काफी दिनों से कसर महसूस हो रही थी। यूं तो इस ऐतिहासिक मैच के पहले भी वह 27 टेस्ट मैच खेल चुके थे, लेकिन एक ओपनर के रूप में उन्हें जो कामयाबी मिली है,उसके लिए फिलहाल तो एक ही शब्द कहा जा सकता है-अद्भुत। किसी खिलाड़ी का रिकॉर्ड तोड़ना बहुत बड़ी बात नहीं होती। क्योंकि रिकॉर्ड तोड़ने का मतलब है कि ऐसा कारनामा कोई पहले भी कर चुका है। लेकिन जब कोई खिलाड़ी कोई ऐसा रिकॉर्ड बनाता है, जो इसके पहले नहीं होता तो यह बड़ी बात होती है। ओपनर के रूप में रोहित शर्मा ने विशाखा पत्तनम में दक्षिण अफ्रीका के साथ खेले गये मौजूदा शृंखला के पहले टेस्ट मैच की दोनों पारियों में शतक बनाकर टेस्ट क्रिकेट के 144 सालों के इतिहास में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। इसी मैच में उन्होनें क्रिकेट के तीनों फ ॉर्मेटों में बतौर ओपनर अपने पहले ही मैच में शतक बनाने का अद्भुत रिकॉर्ड भी बनाया है। कहते हैं क्रिकेट में मौके कई बार किस्मत से मिलते हैं लेकिन कामयाबी कभी किस्मत से नहीं मिलती। इसलिए जब हाल में वेस्टइंडीज गई भारतीय टीम में रोहित शर्मा को जगह नहीं मिली तो यह उनके जैसे क्रिकेटर के लिए एक झटका था, लेकिन उनकी किस्मत अच्छी थी कि जब दक्षिण अफ्रीका की टीम टेस्ट मैच खेलने के लिए हिंदुस्तान आयी तो हाल के दिनों में लगातार ओपनिंग कर रहे और दुर्भाग्य से नाकामयाब होते रहे लोकेश राहुल को ड्राप कर दिया गया और उनकी जगह रोहित शर्मा को टीम में मौका दिया गया। टीम मैनेजमेंट के मुताबिक रोहित को पहले से ही बता दिया गया था कि अगर टीम में जगह पाना है तो बतौर ओपनर खेलने के लिए तैयार रहना होगा और रोहित तैयार भी थे। लेकिन अभ्यास मैच में जिस तरीके से वह शून्य पर आउट हो गये तो लगा कि कहीं टेस्ट मैच का उनका सफ र समाप्त ही न हो जाए। दरअसल हाल के सालों में ही नहीं बल्कि भारतीय क्रिकेट में हमेशा से ही ओपनिंग जोड़ी एक समस्या रही है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि भारत जब से टेस्ट मैच खेल रहा है, तब से आजतक यानी करीब साढ़े आठ दशकों के लंबे अंतराल में सिर्फ  दो ओपनर ही ऐसे हुए हैं, जिन्होंने ओपनिंग करते हुए 5000 या इससे ज्यादा रन बनाये हैं। लब्बोलुआब यह कि रोहित के लिए उम्मीदें कम, मुश्किलें ज्यादा थीं। भले कुछ लोग कह रहे हों कि भारतीय पिचों में रन बनाने आसान हैं और फि लहाल जो टीम दक्षिण अफ्रीका की भारत आयी है, वह भी कमजोर है। लेकिन इस सबके बाद भी ओपनिंग करना आसान नहीं होता, खासकर एक ऐसे खिलाड़ी के लिए जिसके दिलो-दिमाग में पहले से ही मौजूद है कि अगर वह सफल नहीं रहता तो उसके लिए शायद टेस्ट मैच के दरवाजे ही बंद हो जाएं। खैर इन तमाम किंतु-परंतुओं को अपने बल्ले की चमक से बेमतलब साबित करते हुए रोहित शर्मा ने वह कारनामा कर दिखाया, जिसकी आज हर तरफ सिर्फ  तारीफ ही तारीफ हो रही है। हद तो यह है कि तमाम तनातनी के महौल में पाकिस्तान के क्रिकेटर भी रोहित शर्मा के तारीफ का मोह नहीं छोड़ पा रहे हैं। शोएब अख्तर ने अपने यू-ट्यूब चैनल में कहा, ‘मैंने रोहित से कहा था कि वह आत्मविश्वास बढ़ाये और अंदर वो जज्बा ले आये, जिसके लिए वो जाना जाता है। शायद मेरी सलाह के अमल में रोहित को थोड़ा वक्त लगा, लेकिन अब वह वक्त पूरा हो चुका है और दुनिया देख चुकी है रोहित क्या कर सकता है?’वास्तव में रोहित शर्मा ने रातों-रात कोई जादू नहीं किया, बस अपने पहले टेस्ट मैच में बतौर ओपनर उसने खुद पर भरोसा करते हुए बल्लेबाजी की है और उसी का नतीजा है कि पहली पारी में 176 और दूसरी पारी में 127 ताबड़तोड़ रन बना डाले हैं। ऐसा अपने पहले मैच में बतौर ओपनर कोई खिलाड़ी नहीं कर सका था। लेकिन रोहित ने अपने इस ऐतिहासिक मैच में रिकॉर्ड नहीं बनाया बल्कि रिकॉर्डों की झड़ी लगा दी। उन्होंने एक मैच में सबसे ज्यादा लगाये गये 12 छक्कों के रिकॉर्ड को भी 13 छक्के लगाकार तोड़ दिया, जो कि पाकिस्तानी गेंदबाज वसीम अकरम का था।