भ्रष्टाचार के मामले में 99वें स्थान पर पहुंचा पाक

अमृतसर, 15 अक्तूबर (सुरिन्द्र कोछड़): वर्ल्ड इकनामिक फोर्म की एक रिपोर्ट ने खुलासा किया है कि भ्रष्टाचार के मामले में पाकिस्तान की दर्जाबंदी 101वें स्थान से दो स्थान नीचे खिसक कर 99 पर आ गई है। भ्रष्टाचार बारे ट्रांसपेरैंसी इंटरनैशनल की वार्षिक रिपोर्ट को तैयार करने में योगदान देने वाली आठ राष्ट्रीय संस्थाओं में दो ने वर्ष 2019 की अपनी रिपोर्ट में खुलासा किया है कि पाकिस्तान में भ्रष्टाचार पहले से बढ़ा है। पाकिस्तान के लिए यह रिपोर्ट तनावपूर्ण बनी हुई है, क्योंकि इसके आधार पर ही ट्रांसपेरैंसी इंटरनैशनल अगले वर्ष अपनी वार्षिक क्रप्सन परसेपशन इंडैक्स (सी.पी.आई.) रिपोर्ट बर्लिन में जारी करेगी। यदि सी.पी.आई. की रिपोर्ट में पाकिस्तान का आंकड़ा बुरा रहा तो उसको विदेशों से कर्ज़ा  लेने में भी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। वर्णनीय है कि फंडिंग एजेंसियां देशों को उधार देने के अवसर पर सी.पी.आई. द्वारा दिए अंक को विशेष महत्व देती है और अंक खराब मिलने पर वित्तीय सहायता की शर्तें बहुत कड़ी हो जाती हैं। हाल ही में सामने आए सरकारी आंकड़ों के साथ खुलासा हुआ है कि विदेशी बैंकों में पाकिस्तानी पूंजीपतियों के 152,500 से अधिक खातों में 11 अरब डालर का काला धन जमा है। इनमें आधे से ज्यादा रकम के मालिकों का पता अंजान है। कहा जा रहा है कि यदि पाकिस्तान यह पैसा वापिस लाने के योग हो जाए तो उसको विदेशों से कर्ज या दान मांगने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी। इसी कारण इमरान खान ने सभी एजैंसियों को काला धन रखने वालों की जांच पर लगाया हुआ है। बताया जा रहा है कि इमरान खान की सरकार कज़र् लेकर आगे कज़र् की अदायगी करने के फार्मूले पर काम कर रही है जिस कारण उस पर कज़र् का बोझ लगातार बढ़ता जा रहा है। इस बारे जारी की गई एक रिपोर्ट में बताया गया है कि पाकिस्तान को जून 2022 तक चीन को 6.7 अरब डालर व आई.एम.एफ. को 2.8 अरब डालर के कज़र् की अदायगी के रूप में अदा करने पड़ेंगे। आंकड़ों के अनुसार मार्च 2019 तक पाकिस्तान को कुल कज़र् 6 लाख करोड़ रुपए से अधिक का भुगतान करना पड़ा था।