यदि अनियमितताएं रैगुलर ही करनी हैं तो बाईलाज़ की क्या जरूरत

चंडीगढ़, 15 अक्तूबर (सुरजीत सिंह सत्ती): जालन्धर में बिल्डिंग बाईलाज़ की उल्लंघना करके बनी इमारतों विरुद्ध कार्रवाई करने की मांग को लेकर दाखिल एक याचिका की सुनवाई दौरान पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस आर.एस.झा व जस्टिस राजीव शर्मा की बैंच ने तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि यदि अनियमितताएं रैगुलर ही करनी हैं तो बिल्डिंग बाईलाज़ बनाने की क्या ज़रूरत थी। बैंच ने कहा कि एक कानून को दूसरे कानून के साथ कैसे झुठलाया जा सकता है। फिलहाल बैंच ने बिल्डिंग बाईलाज की उल्लंघना पर अब तक की गई कार्रवाई की स्थिति रिपोर्ट तलब करते हुए सुनवाई चार नवम्बर पर डाल दी है। दरअसल जालन्धर में इमारतों में बिल्डिंग बाईलाज़ की उल्लंघना को लेकर सिमरनजीत सिंह नाम के एक व्यक्ति द्वारा अनेकों शिकायतें की गई थीं और कार्रवाई न होने पर एडवोकेट आर.एस. बैंस द्वारा हाईकोर्ट में पटीशन दाखिल की थी। इस पर हाईकोर्ट ने जवाब मांगा था और मंगलवार को सुनवाई दौरान एडवोकेट जनरल अतुल नंदा ने पेश हो कर कहा कि बेनियमियां रैगुलर करने के लिए बाकायदा एक्ट बना दिया गया है। इस पर एडवोकेट बैंस ने एतराज़ जताया कि यदि एक्ट लाकर बेनियमियों को रैगुलर की जानी है तो बिल्डिंग बाईलाज़ की क्या ज़रूरत है।