पंजाब के मंत्रियों ने सिंह साहिब से की मुलाकात - 550वां प्रकाश पर्व मनाने संबंधी श्री अकाल तख्त साहिब को सौंपे सभी अधिकार


अमृतसर, 15 अक्तूबर (  राजेश कुमार शर्मा : श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व को संयुक्त तौर पर मनाने संबंधी पंजाब सरकार द्वारा अपने सभी अधिकार श्री अकाल तख्त साहिब को सौंप दिये गए हैं। इस संबंधी आज यहां पंजाब सरकार के मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा तथा चरणजीत सिंह चन्नी श्री अकाल तख्त साहिब पहुँचे और जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह की सिंह साहिब के साथ फोन पर बात भी करवाई। इस मौके पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए सिंह साहिब ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा कि आज पंजाब सरकार के उक्त मंत्रियों द्वारा उनसे मुलाकात कर 550वां प्रकाश पर्व मनाने संबंधी सभी अधिकार श्री अकाल तख्त साहिब को सौंप दिए गए हैं। मुख्यमंत्री ने उनसे फोन पर बात करके आग्रह किया कि  सभी समारोह श्री अकाल तख्त साहिब की रहनुमाई में एक मंच पर हों, जिसका सारा खर्चा पंजाब सरकार उठाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि शिरोमणि कमेटी द्वारा मंच बनाने के लिए जितना पैसा खर्च किया जाना है वह पैसा सिख संस्थाओं की भलाई के लिए खर्च किया जाये। सिंह साहिब ने कहा कि इस फैसले के लिए वह पंजाब सरकार का सर्वप्रथम धन्यवाद करना चाहते हैं और इस पर अंतिम फैसला पांच सिंह साहिब की 21 अक्तूबर को होने वाली बैठक में लिया जायेगा। ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने स्पष्ट कहा है कि प्रकाश पर्व समारोहों के मंच पर किसी भी प्रकार की राजनीतिक बयानबाजी नहीं होनी चाहिए। हम सभी को गुरु जी के उपदेशों को अपनाकर बिना भेदभाव के  गुरु जी का प्रकाश पर्व मनाना चाहिए। आर.एस.एस. प्रमुख द्वारा देश को एक हिन्दू राष्ट्र बनाने के दिए बयान पर बोलते हुए सिंह साहिब ने कहा कि संघ का यह बयान देश को तोड़ने वाला है। उन्होंने कहा कि इस देश में विभिन्न धर्मों, वर्गों के लोग रहते हैं इसलिए हमें सभी का सम्मान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसे बयान देश की अखंडता को तोड़ने वाले होते हैं जिनसे गुरेज करना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि सिख विद्वानों और बुद्धिजीवियों को मिलकर एक डेक्लेरेशन तैयार कर उसमें सिख समुदाय से संबंधित एजेंडों और उनकी पूर्ति कैसे हो इसके लिए सुझाव देने के लिए कहा गया है। इस मौके पर तख्त श्री केसगढ़ साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह, भगवंत पाल सिंह सच्चर आदि मौजूद थे।