हर्ष की आमद का पवित्र त्यौहार है दीपावली

संसार में अनेक त्यौहार मनाए जाते हैं। अगर ये दिन-त्यौहार न हों तो मानव की ज़िन्दगी नीरस-उदास हो जाए। इन त्यौहारों के माध्यम से ही मानव अपने हर्ष, उपलब्धियों को एक-दूसरे के साथ बांटते हुए अपनी मंज़िल की ओर पहुंचता है। दुनिया के प्रत्येक जाति-मज़हब, कौम तथा धर्मों में अलग-अलग त्यौहार हर्षोल्लास, चाव और उमंगों के साथ मनाए जाते हैं। त्यौहार मनाने के पीछे धार्मिक, राजनीतिक, ऐतिहासिक, सामाजिक, आर्थिक, आदान-प्रदान, मौसम, तथा पृष्ठभूमि (अतीत) वाले सभ्याचार का गहरा संबंध होता है।भारत के प्रमुख त्यौहारों में आता है हर्ष की आमद का पवित्र त्यौहार दीपावली। यह त्यौहार कार्तिक मास की अमावस्या के दिन मनाया जाता है। दीपावली के दिनों में मौसम का बड़ा परिवर्तन हो जाता है। फसलें पक कर तैयार हो जाती हैं। हल्की-हल्की ठंडक की आमद हृदय को हिलोर देती है और एक सुखद माहौल पैदा करती है। सर्दी की ऋतु अपना बिगुल बजा देती है। कीट-पतंग तथा गर्म मौसम की समाप्ति हो जाती है। सुहाने मौसम का मंगलाचरण आनंदमयी क्रियाओं के पट खोल देता है। दीपावली पर भगवती महालक्ष्मी का त्यौहार भी मनाया जाता है। इसी दिन लक्ष्मी पूजन, गणेश पूजन, विष्णु भगवान, इन्द्रदेव, बुद्धि की दात्री सरस्वती जी की भी लक्ष्मी जी के साथ पूजा की जाती है। भारत तथा विदेश के सभी मंदिरों, धार्मिक स्थानों में दीपमाला तथा पूजन होते हैं। इस दिन पूजा का बहुत महत्त्व माना जाता है। रात्रि के बारह बजे तक पूजा की जाती है। दो थालों में दीपकों को रखा जाता है। चौमुखा दीपक दोनों थालों में सजाए जाते हैं। छोटे दीपक तेल बत्ती रखकर जलाए जाते हैं। फिर जल, रोली, खील, बतासे, चावल, फूल, फल, गुड़, अबीर, गुलाल, धूप आदि से उनकी पूजा की जाती है और टीका लगाया जाता है।
सारा परिवार पूजा में शामिल होता है। यह पूजा मंदिरों में भी होती है। इस पूजा विधि से प्रत्येक किस्म की दरिद्रता दूर होती है। शांति तथा शक्ति उदित होती है। नव-परिवर्तन से ज़िंदगी में खुशहाली तथा सुखद वातावरण उत्पन्न होता है। रात होते ही घर-घर में पटाखों की गूंज, फुलझड़ियों, आतिशबाज़ियों की सर-सराहट, रौशनियों में पैदा होते रंगबिरंगे सुंदर दृश्य, दीपावली के इतिहास को चार चांद लगा देते हैं। घरों से दूर गए भाई-बहन, दामाद-बेटी, सब इस दिन हर्ष के साथ इकट्ठे होते हैं। बहू-बेटियां सज-धज कर दीपावली का शृंगार बनती हैं। बेटियां भी इस पवित्र त्यौहार की आमद का विमोचन करती हैं। इससे दीपावली का पवित्र त्यौहार सार्थक और आनंदमयी हो जाता है।