अब हरियाणा ने भी कहा हमारा हिस्सा नहीं है चंडीगढ़

चंडीगढ़, 6 नवम्बर (सुरजीत सिंह सत्ती): चंडीगढ़ के पंजाब या हरियाणा का हिस्सा होने बारे केन्द्र व पंजाब सरकार ने जहां हाईकोर्ट में पक्ष रखते हुए पहले ही कह दिया था कि पंजाब के विभाजन से पहले वर्ष 1966 तक चंडीगढ़ पंजाब का हिस्सा था तथा पुन: गठन एक्ट तहत चंडीगढ़ को केन्द्रीय शासित प्रदेश बना दिया गया था, वहीं अब हरियाणा सरकार ने भी आज मान लिया है कि अब चंडीगढ़ पंजाब व हरियाणा का हिस्सा नहीं है। इस जवाब के साथ सुनवाई आगे डाल दी गई है। पिछली सुनवाइयों पर केन्द्र व पंजाब सरकार ने कहा था कि भौगोलिक तौर पर चंडीगढ़ अपने आप में यूटी है, हालांकि फिर भी दोनों राज्यों की राजधानी है। चंडीगढ़ बने पंजाब से भी अधिक वर्ष बीत जाने के उपरांत दोनों राज्यों द्वारा यह हालात एक वकील द्वारा दाखिल उस याचिका की सुनवाई दौरान बने थे, जिसमें याचिकाकर्ता ने दोनों राज्यों में चंडीगढ़ के वासी होने के नाते आरक्षण दिए जाने की मांग की थी। याचिकाकर्ता का कहना था कि दोनों राज्यों की राजधानी होने के नाते यहां के एक वासी को एक राज्य में एस.सी. माना जाता है, जबकि दूसरे राज्य में नहीं तथा इसी कारण यह मुद्दा खड़ा हुआ था।
 यह अपने आप में एक विलक्षण केस है, क्योंकि यहां के वासी ने दोनों राज्यों में सुपीरीयर ज्यूडीशरी की भर्ती के लिए आरक्षण दिए जाने की मांग की है।