विचारों की रोशनी

देश एवं विदेश में जिस श्रद्धा और विश्वास के साथ श्री गुरु नानक देव जी का 550वां प्रकाश पर्व मनाया जा रहा है, उससे मन में एक विशेष उमंग एवं उत्साह पैदा होता है। नि:सन्देह उनका उच्चतम व्यक्तित्व सदियों के पड़ावों के बाद भी मन के भीतर बड़ी प्रेरणा उत्पन्न करता है। हम इस अवसर पर विशेष रूप से पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की भरपूर प्रशंसा करते हैं कि उन्होंने अपनी तमाम सीमाओं के बावजूद विशाल हृदय के साथ महान गुरु से संबंधित स्थान करतारपुर के गुरुद्वारा साहिब के दर्शनों के लिए एक गलियारा प्रदान करने की इजाज़त दी है। विदेशों में भी इस ऐतिहासिक दिवस को मनाने के लिए भारी हलचल दिखाई देती है। भारत सरकार ने इसके लिए अनेक बड़े एवं बढ़िया यत्न किये हैं तथा अपना योगदान भी डाला है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भारत की ओर से गलियारा खोले जाने के उद्घाटन के समय स्वयं इसमें भाग लेने के लिए आ रहे हैं। पंजाब सरकार ने भी सुल्तानपुर लोधी में अनेक बड़े यत्नों के साथ बहुत-से निर्माण करवाये हैं तथा महान गुरु से संबंधित अनेक प्रकार के कार्यक्रम तैयार किये हैं। गुरु जी के समय की याद को ताज़ा करने के लिए ‘पिंड बाबे नानक दा’ का विशेष तौर पर निर्माण करवाया जा रहा है तथा इसके लिए बड़ी मात्रा में धन-राशि भी रखी गई है। इसी प्रकार केन्द्र सरकार की ओर से तथा पंजाब सरकार की ओर से डेरा बाबा नानक का सम्पूर्ण स्वरूप निखारने के लिए भी भारी यत्न किये गये हैं। आगामी दिनों में लाखों श्रद्धालुओं के करतारपुर साहिब के दर्शनों हेतु जाने के लिए भी विशेष प्रबंध किये जा रहे हैं।  इसी प्रकार शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी भी निरन्तर ऐसे समारोह करवा कर एवं अन्य नव-निर्माण करके गुरु जी की स्मृति को सदैव ताज़ा रखने के लिए अपना योगदान डाल रही है। इसी कड़ी में पंजाब विधानसभा की ओर से श्री गुरु नानक देव जी को श्रद्धांजलियां देने के लिए विशेष समारोह बुलाया गया था, जिसमें जन-प्रतिनिधियों के अतिरिक्त देश के उप-राष्ट्रपति वेकैंया नायडू, पूर्व प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह, पंजाब एवं हरियाणा के राज्यपाल, हरियाणा के मुख्यमंत्री एवं  उप-मुख्यमंत्री विशेष तौर पर शामिल हुए। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने इस समारोह में महान गुरु को हार्दिक श्रद्धांजलि भेंट की। इस समय उप-राष्ट्रपति की ओर से श्रद्धा के जो पुष्प अर्पित किये गये, वे सही अर्थों में गुरु जी के व्यक्तित्व एवं उनके विचारों का बखूबी प्रतिनिधित्व करते हैं। वेकैंया नायडू ने उन्हें एक सम्पूर्ण गुरु घोषित करते हुए उन्हें एक चिन्तक, मानवतावादी एवं करतारी व्यक्तित्व घोषित किया। उन्होंने यह भी कहा कि श्री गुरु नानक देव जी के विचार जन-जीवन को समृद्ध बनाने में मार्ग-दर्शक का कार्य करते हैं। श्री गुरु नानक देव जी ने तमाम मतभेदों से ऊपर उठ कर समानता के सिद्धांत को प्रकट किया। उनका उद्देश्य जाति-रहित समाज  का सृजन करना था। उन्होंने नारी को सम्मान दिया, लंगर की प्रथा चलाई, जिसके गहन अर्थ थे तथा क्रियात्मक रूप में यह प्रथा मानव जाति को आपस में जोड़ने का कार्य करती थी। भेदभाव से रहित ऐसी पहुंच मानव जाति का लक्ष्य होनी चाहिए, जिसके संबंध में सदियों पूर्व गुरु जी ने अमर बाणी की रचना की। उन्होंने मानवीय क्रिया-कलापों एवं जीवन को नैतिक आधार प्रदान किया। ऐसा ‘किरत करो, नाम जपो एवं वंड छको’ की भावना से ही उजागर हो सकता था। अपने जीवन में उन्होंने अनेक संवाद रचाये। अपनी बात लोगों को बताई। संतों-महापुरुषों की बात उनसे सुनी। उनकी उच्चतम सोच एवं बुलंद व्यक्तित्व से एक ऐसे सुन्दर काव्य की रचना हुई जो आज तक भी रोशनी बांटता नज़र आ रहा है। गुरु जी के सिद्धांतों एवं शिक्षाओं को क्रियात्मक रूप में ढालना आम आदमी का लक्ष्य होना चाहिए।

—बरजिन्दर सिंह हमदर्द