हरिके झील में विदेशी पक्षियों की चहल-पहल शुरू

हरिके पत्तन, 8 नवम्बर (रितू कुन्द्रा) : ब्यास-सतलुज दरिया के संगम हरिके झील जो कि प्रवासी पक्षियों के स्वर्ग के तौर पर जानी जाती है वैसे तो सारा वर्ष ही झील पर पक्षियों का मेला लगा रहता है लेकिन सर्दी शुरू होने पर मेहमान बन कर आते प्रवासी पक्षी जब हरिके झील में पहुंचते हैं तो इस की सुन्दरता को और चार चांद लग जाते हैं। मौसम के करवट बदलते ही झील पर मेहमान पक्षियों की आमद शुरू हो गई है। रंग-बिरंगे विदेशी पक्षियों के झुंड झील पर कलोला करते अलग नजारा पेश करते हैं। यूरोपीय देशों में सर्दी के कारण झीलें जमने से हर वर्ष नवम्बर महीने में पहुंचना शुरू कर देते हैं। हरिके झील के मुख्य क्षेत्र रियासत व खैतान है यहां कि प्रमुख तौर पर पक्षी देखे जाते हैं। विभाग से प्राप्त जानकारी अनुसार लगभग 40 हजार के लगभग प्रवासी पक्षी झील में पहुंच चुके हैं, जिनमें सब से ज्यादा संख्या कूट (मरगाबी) की है जो कि 15 हजार के लगभग पहुंच चुकी है। इसके इलावा सपून बिलज, रिवर टरन, सपोट बिल डक्क, गडवाल, पेटिड र्स्टोक, ब्राऊन हैडिड गलज, कोमन शैड पाईपर लिटल-ई-ग्रेट, बलैक आई-बिज, रके-लैग गीज, बार हैडिड गीज, विजन, शालवर, पैनटिल, ग्रे हैरन, लिटल कारबोरैट, परपल हैरन आदि किस्मों के हजारों पक्षी झील पर अठखेलियां करते देखे जा सकते है। इस संबंधी जब विभाग की डी.एफ.ओ कल्पना के साथ बात की गई तो उन्होंने कहा कि प्रवासी पक्षियों की आमद को लेकर देखते हुए झील की सुरक्षा बढ़ा दी गई है और विभाग के कर्मचारियों की ड्यूटियां लगा दी गई हैं और झील के क्षेत्र में नाव व सड़की रास्ते द्वारा दिन रात गश्त की जा रही है।