ज्वार-बाजरा में तेजी : बारीक चावल सहित उड़द उछलकर सुस्त

नई दिल्ली, 10 नवम्बर (एजेंसी): गत सप्ताह ज्वार, बाजरे में प्रति हेक्टेयर उत्पादक घटने एवं नीचे वाले भावों में स्टॉकिस्टों की लिवाली चलने से 75/100 रुपए प्रति क्विंटल की तेजी आ गयी। गेहूं भी तेजी के बाद यूपी, एमपी, बिहार, झारखंड, उड़ीसा में भाव नीचे आ जाने से चालानी मांग के अभाव में 15/25 रुपए दब गया। इसी तरह बारीक चावल भी सप्ताह के पूर्वार्ध में 300/400 रुपए बढ़ने के बाद 200/250 रुपए अलग-अलग प्रजाति के घट गये। उड़द भी 2000 रुपए छलांग लगाकर 1000/1100 रुपए नरम हो गयी। इसके अलावा मूंग, तुअर, मसूर, चना आदि में भी सप्ताहांत सुस्ती लिये बंद हुआ। आलोच्य सप्ताह बाजरे में स्टॉकिस्टों के साथ-साथ मौलीबरवाला लाइन की चौतरफा लिवाली चलने से राजस्थान की मंडियों में 80/90 रुपए बढ़कर 1775/1800 रुपए ट्रक लोड में व्यापार हो गया। मौलीबरवाला के लिए 1850 रुपए से उछलकर 1930 रुपए तक ऊपर में बिक्री सुनी गयी। इसके प्रभाव से यहां भी गोदाम से उट्ठू बाजरा 1800 रुपए से बढ़कर 1875 रुपए बिक गया तथा कुछ कारोबारी 1890 रुपए भी बोल रहे थे। ज्वार भी नया माल आने के बावजूद 100 रुपए बढ़कर दिल्ली पहुंच में 2400/2500 रुपए महाराष्ट्र का बिकने की खबर थी। सफेद ज्वार में भी 100/200 रुपए बढ़ाकर बोल रहे थे। इसके अलावा गेहूं यूपी, हरियाणा, राजस्थान से सप्ताह के पूर्वार्ध में आवक घट जाने से 2260/2270 रुपए का ऊपर में चक्की पहुंच में व्यापार हो गया था, लेकिन उसके बाद पूर्वी भारत में गेहूं उत्पादों के भाव नीचे होने से गेहूं की चालानी मांग घट गयी, जिससे एमपी, यूपी का माल यहां आ जाने से यहां बाजार फिर घटकर 2235/2245 रुपए मिल चक्की पहुंच में बिकवाल आ गये। गौरतलब है कि दिल्ली की अपेक्षा यूपी, एमपी, राजस्थान, बिहार में आटा, मैदा, सूजी सस्ता होने से यहां की मिलों से चालानी पड़ता महंगा हो गया है। जिससे मिलें 12 घंटे ही गेहूं की मिलिंग कर रही हैं। इसके अलावा बारीक चावल भी सप्ताह के पूर्वार्ध में निर्यातकों की लिवाली से 300/400 रुपए उछलकर 1509 सेला 4900 रुपए एवं 1121 सेला 5300/5400 रुपए बिक गया था।