कैसे कम होगा प्रदूषण का प्रकोप ?

दिन-प्रतिदिन प्रदूषण का प्रकोप बढ़ता जा रहा है, जिसका असर हमारे जीवन पर पड़ता है। भारत देश के लोग बातें तो बड़ी-बड़ी करते हैं लेकिन प्रदूषण का प्रकोप कम करने के लिए हमारी सरकारें बातों के अलावा कुछ नहीं करते। जिस प्रकार देश की राजधानी दिल्ली इस गम्भीर समस्या से जूझ रही है, ऐसा कहीं पूरे भारत देश में न हो जाए।  पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड ने दीवाली से पहले और बाद में हर वर्ष आंकड़ों का आंकलन किया, जिससे साफ पता चलता है कि दिल्ली शहर की हवा अत्याधिक ज़हरीली है। और ऊपर से अब लोगों ने पराली की समस्या को उच्च स्तर तक बढ़ाया हुआ है। इन लोगों के लिए जुर्माना लगाना ऐसा है जैसे स्कूली बच्चों के लिए जुर्माना लगाया जाता है, लेकिन उनको कोई फर्क नहीं पड़ता। जुर्माना ऐसा हो जैसे घर में जितने भी सदस्य हैं सब उसका भुगतान करें। छोटे-से बड़े तक सब लोग।
दूसरी समस्या पार्कों में देखी जाती है। पार्क जो लोगों की सुख-सुविधा के लिए बनाये जाते हैं। लोग वहां भी सूखे पत्तों को आग लगाकर प्रदूषण फैलाते हैं। हमें मिलकर इस प्रदूषण की समस्या का हल करना चाहिए। इसके अलावा प्रदूषण फैलाने वाले लोगों पर भी शिकंजा कसना होगा। जहां जी चाहा कूड़ा फेंका और धरती की मिट्टी को प्रदूषित कर दिया, पानी को प्रदूषित कर दिया। सख्त सज़ा का प्रावधान होना बहुत ज़रूरी है। शादी, ब्याह, पार्टियों में बजने वाला संगीत देर रात तक संगीत कम और शोर अधिक हो जाता है। क्यों न डी.जे. वालों के लिए यह ज़रूरी कर दिया जाए कि वह किसी भी समारोह में 10 बजे के बाद रात्रि के समय डी.जे. न बजाने का एफिडेविट दें। सरकारी तंत्र जहां भी भ्रष्टाचार में संलिप्त है उसे चैक करने के लिए कुछ गुप्त लेकिन सरकार द्वारा प्रमाणित प्रतिनिधि नियुक्त किए जाएं, तभी यह मुमकिन होगा कि हमारा देश प्रदूषण मुक्त हो जाए, वरना तो दीमक की भांति यह हमारे जीवन को काटता ही जाएगा।