किरायेदारों से तुरंत इमारतें खाली करवा सकेंगे एन.आर.आई.

चंडीगढ़, 15 नवम्बर (सुरजीत सिंह सत्ती): विदेशों में रहते गैर रिहायशी भारतीय (एन.आर.आई.) को बड़ी राहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने ‘द ईस्ट पंजाब अर्बन रैंट रिस्ट्रिक्शन एक्ट’ की उन तजवीज़ों के विरुद्ध किरायेदारों की अपीलों को खारिज कर दिया है, जिन तज़वीज़ों के तहत एन.आर.आई. को अपनी इमारतें तुरन्त खाली करवाने का हक मिलता है। चीफ जस्टिस आ़फ इंडिया रंजन गोगोई तथा दो अन्य जजों की बैंच ने अपीलें खारिज करते हुए कहा है कि उक्त एक्ट के सैक्शन 13-बी में जहां एन.आर.आई. को किरायेदारों से इमारतें खाली करवाने की छूट दी गई है, वहीं उन पर भी कई बंदिशें लगाई गई हैं, लिहाज़ा इन तजवीज़ों को खारिज करने की आवश्यकता नहीं है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से रैंट एक्ट की उक्त तजवीज़ के अनुसार कोई भी एन.आर.आई. अब पंजाब और चंडीगढ़ में अपनी इमारतों में बैठे किरायेदार से तुरंत इमारत खाली करवा सकेगा। एक्ट की इस तजवीज़ के मुताबिक किसी एन.आर.आई. को अपने लिए या अपने किसी आश्रित हेतु यदि आवश्यकता है तो वह इमारत खाली करवा सकता है। एक्ट में तजवीज़ यह भी है कि चाहे यह एन.आर.आई. उस इमारत का मालिक पांच साल पहले ही बना हो पर वह इमारत खाली करवाने का हकदार है और इसके लिए उसको कंट्रोलर से सिर्फ विनय करना होता है। इमारत खाली करवाने के एवज़म ें एन.आर.आई. हेतु उक्त एक्ट में यह शर्त भी है कि चाहे उसके पास जितनी भी इमारतें हों पर वह सिर्फ एक इमारत ही किरायेदार से खाली करवा सकता है तथा साथ ही वह खाली करवाई हुई इमारत अगले पांच वर्ष तक न ही किसी को बेच सकता है तथा न ही किराये पर दे सकता है। यह भी बड़ी शर्त है कि उस को इमारत खाली करवाने का मौका ज़िंदगी में सिर्फ एक बार ही मिलेगा।