लता मंगेशकर के प्रशंसक ने सहेजे उनके गीतों के 7,600 दुर्लभ ग्रामोफोन रिकॉर्ड 

इंदौर, 17 नवम्बर (भाषा) : डिजिटल तकनीक की मेहरबानी के चलते आज इंटरनेट पर चंद पलों में मौसिकी का बड़ा खजाना आसानी से खोला जा सकता है। लेकिन एक दौर वह भी था, जब संगीत के संग्रह ग्रामोफोन रिकॉर्ड के जरिये लोगों के कानों तक पहुंचते थे। गुजरे दौर की इसी सुरीली विरासत को सहेजने के लिये, मशहूर गायिका लता मंगेशकर के एक प्रशंसक ने उनके गाये गीतों के दुर्लभ ग्रामोफोन रिकॉर्ड जमा किये हैं।  इस इंदौर स्थित संग्रह के मालिक सुमन चौरसिया (69) ने रविवार को बताया, मैं बचपन से लता जी का प्रशंसक हूं। मैंने उनके गाये गानों के ग्रामोफोन रिकॉर्ड वर्ष 1965 से सहेजने शुरू किये थे।  फिलहाल मेरे पास ऐसे करीब 7,600 ग्रामोफोन रिकॉर्ड का संग्रह है। इनमें वे दुर्लभ गीत हैं जो लताजी ने देशी-विदेशी भाषाओं और बोलियों में गाये हैं। चौरसिया ने बताया कि वर्ष 2008 में उन्होंने इस संग्रह को व्यवस्थित करने के लिये संग्रहालय का रूप दे दिया था। इसे नाम दिया गया-॑लता दीनानाथ मंगेशकर ग्रामोफोन रिकॉर्ड संग्रहालय॑। उन्होंने याद किया, मुझे एक दिन महसूस हुआ कि लताजी की जन्मस्थली इंदौर में उनके नाम पर एक संग्रहालय होना चाहिये, ताकि संगीतप्रेमी एक ही छत के नीचे उनकी सुरीली विरासत का आनंद उठा सकें। तब से मैं उनके गाये गीतों के ग्रामोफोन रिकॉर्ड खोजने में जुट गया। चौरसिया फख्र से बताते हैं कि साढ़े पांच दशक के जतन से तैयार इस संग्रहालय में ‘मौसिकी की महारानी’ की आवाज वाले फिल्मी गीतों से लेकर रेडियो के लिये गाये उनके गाने भी मौजूद हैं।