करतारपुर साहिब : भारत के रवैये से खफा हैं दर्शन कर लौटे श्रद्धालु

डा. कमल काहलों, अवतार सिंह रंधावा
करतारपुर गलियरा (डेरा बाबा नानक), 18 नवम्बर  : आज भारत-पाक की राष्ट्रीय सीमा डेरा बाबा नानक से गलियारे से गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब जी के दर्शन करके वापिस पहुंचे श्रद्धालुओं को उनकी दरपेश मुश्किलों से अवगत करवाते बताया कि उनको गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब जी के खुले दर्शन दीदार करने अवसर भारत द्वारा कई तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। इस अवसर पर हरियाणा, नवांशहर और दूर-दूर से दर्शन करके वापिस आए श्रद्धालुओं ने बताया कि जो इज्जत पाकिस्तान की तरफ मिलती है, वो भारत में असफल दिखाई दे रही है। उन्होंने कहा कि वो गलियारे की खुशी में आनलाइन बुकिंग करवाकर आज खुशी खुशी करतारपुर साहिब के दर्शन करके आए थे, जिस संबंधी उनको कई तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ा।
डेरा बाबा नानक गुरुद्वारा साहिब में नहीं होता सुबह नाश्ता
उन्होंने कहा कि वो रात समय गुरुद्वारा डेरा बाबा नानक में दरबार साहिब पहुंचे थे, जहां रिहायश के उचित प्रबंध न होने कारण और बिस्तरे इत्यादि खस्ता हालत में होने कारण उनको आराम करने के लिए कोई भी साफ सुथरी व्यवस्था नहीं मिली, जिस कारण उन्होंने बेआरामी से रात का समय गुजारा जबकि सुबह कॉरिडोर की तरफ जाने अवसर गुरुद्वारा साहिब अंदर कोई भी नाश्ते का प्रबंध नहीं था और वहां खड़े कर्मचारियों को बार-बार पूछने पर भी कोई हल न हुआ और वो कॉरिडोर पहुंचे, जहां उन्होंने कंटीन से कुछ खाकर काम चला।
बार-बार चैकिंग व स्टाफ से परेशानी 
उन्होंने बताया कि  भारत की तरफ कॉरिडोर अंदर स्टाफ का रवैया अच्छा नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर कोई कागजों में अनजाने में गलती हो जाती है तो उनको परेशान किया जाता है, और श्रद्धालुओं प्रति अच्छा व्यवहार नहीं किया जाता। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान की तरफ नियुक्त किया गया स्टाफ हर यात्री का मान सम्मान करके मीठी बोली बोलता है।
कॉरिडोर तक पैदल आना जाना कठिन
उन्होंने बताया कि कस्बा डेरा बाबा नानक से कॉरिडोर तक जाना और आना भी पैदल पड़ता है जबकि भारत की तरफ कोई सुविधा न होने कारण रिक्शे वाले एक तरफ का 200 रूपए तक का किराया मांगते हैं। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान वाले गेट से लेकर गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब तक ले जाने के लिए बेहतर सुविधा है और किसी भी श्रद्धालु को एक मिनट भी किसी तरह की परेशानी नजर नहीं आती और श्रद्धालु की सेवा के लिए हर समय मगर मगर चलते दिखाईदेते हैं पाकिस्तान के लोग।
प्रसाद वाले बैग कुत्तों से सुंघाए जाते हैं
उन्होंने कहा कि जब वो करतारपुर साहिब जी के दर्शन करके वापिस लौटते हैं तो उस अवसर श्रद्धा से लाए गए प्रसाद वाले बैग और अन्य सामान की तलाशी लेने के बावजूद भी कुत्तों को सुंघाए जाते हैं जो बहुत बुरी बात है। 
गलियारे संबंधी सियासत की जगह सही प्रबंध किया जाए
 उन्होंने कहा कि लांघे संबंधी जो कागजी कार्रवाई है वो सरल की जाए। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की तरफ कोई मुश्किल नहीं आती जबकि भारत कीतरफ कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। 
कॉरिडोर पर सुविधाओं की कमी
 यात्रियों ने बातचीत करते हुए कहा कि टी-प्वाइंट डेरा बाबा नानक से कॉरिडोर तक पीने वाले पानी और यात्रियों को आने जाने अवसर पेश आने वाली मुश्किलों का हल किया जाए।