केन्द्रीय टैक्सों में हिस्सा न मिलने के कारण पंजाब की वित्तीय हालत बनी खस्ता

चंडीगढ़, 20 नवम्बर (हरकवलजीत सिंह): केन्द्र सरकार द्वारा राज्यों को दिए जाने वाले टैक्सों में से हिस्से की अदायगी न होने के कारण पंजाब की वित्तीय स्थिति काफी खस्ता बनी हुई है तथा केन्द्र द्वारा अगस्त, सितम्बर व अक्तूबर के माह दौरान राज्यों के टैक्सों के हिस्से की अदायगी न होने के कारण हालत और भी बिगड़ गई है। राज्य के वित्त मंत्री स. मनप्रीत सिंह बादल के अनुसार पंजाब के केन्द्रीय टैक्सों में से 2000 करोड़ का पहले ही बकाया खड़ा है तथा पिछले 3 माह का 2100 करोड़ के हिस्से का भी भुगतान केन्द्र द्वारा नहीं किया गया। केन्द्र द्वारा लागू किए गए जी.एस.टी. व दूसरे टैक्सों में से राज्य को जो 42 प्रतिशत का हिस्सा मिलना होता है उसकी अदायगी अगस्त से न होने के कारण विभिन्न राज्यों का कोई 35000 करोड़ रुपया केन्द्र सरकार की ओर खड़ा हो गया है। स. मनप्रीत सिंह बादल द्वारा आज यह मुद्दा केन्द्र सरकार के पास भी उठाया गया कि राज्य के खज़ानों के लिए बिलों की अदायगियां मुश्किल बन गई हैं तथा सरकार को केन्द्र द्वारा टैक्सों का हिस्सा समय पर न मिलने के कारण ओवर ड्राफ्ट किए जाने के कारण लगातार अधिक ब्याज देना पड़ रहा है। उन्होंने केन्द्र को कहा कि यदि राज्य मजबूरी में ऋण उठा रहे हैं तो केन्द्र राज्यों की अदायगी के लिए ऋण क्यों नहीं उठा सकता। उन्होंने कहा कि केन्द्र द्वारा अपने तौर पर ही कार्पोरेट टैक्स 30 प्रतिशत से घटाकर 22 प्रतिशत किए जाने के कारण टैक्स में से मिलने वाले हिस्से का पंजाब को ही वार्षिक 1800 करोड़ का नुक्सान होगा जबकि केन्द्र द्वारा दूसरे टैक्सों में भी अपने तौर पर ही ऐसी छूटें दी जा रही हैं। इसी दौरान राज्य के वित्त विभाग द्वारा सितम्बर 2019 तक के जो खाते तैयार हुए हैं उनके अनुसार राज्य द्वारा लिए जाते ऋणों के ब्याज में 4 प्रतिशत की वृद्धि हुई है तथा राज्य का कोई 6300 करोड़ रुपए अब तक ब्याज के भुगतान में चला गया है।