जर्मनी में सिख व कश्मीरी समूहों की जासूसी के आरोपी भारतीय दम्पति के खिलाफ सुनवाई शुरू

बर्लिन, 21 नवम्बर (भाषा) : जर्मनी में कश्मीरी और सिख समूहों की जासूसी करने तथा सूचना भारतीय गुप्तचर एजेंटों के साथ साझा करने के आरोपी एक भारतीय दम्पति के खिलाफ बृहस्पतिवार को सुनवाई शुरू हुई। दम्पति पर जो आरोप हैं, उनके लिए 10 वर्ष तक की सजा हो सकती है। मीडिया में आई एक खबर में कहा गया कि मनमोहन एस और उनकी पत्नी कंवलजीत के. पर इस वर्ष अप्रैल में जर्मनी में एक विदेशी गुप्तचर सेवा एजेंट गतिविधि का आरोप लगाया गया था। जर्मनी के सरकारी प्रसारणकर्ता ‘डॉयचे वेले’ की खबर में कहा गया है कि जर्मनी में कश्मीरी और सिख समूहों की जासूसी करने के आरोपी दोनों भारतीय नागरिकों के खिलाफ सुनवाई फ्रैंकफर्ट में हायर रीजनल कोर्ट में शुरू हुई। खबर में कहा गया कि जनवरी 2015 से मनमोहन (50) ने जर्मनी में सक्रिय कश्मीरी और सिख समूहों के बारे में कथित रूप से सूचना एकत्रित की और उसे फ्रैंकफर्ट में भारतीय वाणिज्य दूतावास में तैनात भारत की गुप्तचर एजेंसी रॉ के अधिकारियों को सौंपा। खबर में कहा गया कि जुलाई 2017 से मनमोहन की पत्नी जीत के. पर भी खुफिया सूचना एकत्रित करने में शामिल होने का संदेह है। इसमें कहा गया कि दम्पति को उनकी सेवा के बदले रॉ से कथित रूप से 7,974 अमेरिकी डॉलर प्राप्त हुए।