शहादत का नायाब उदाहरण क्रांजी युद्ध स्मारक

भारत के वीर जवानों की शहादत का एक नायाब नमूना सिंगापुर भी है। दूसरे विश्व युद्ध के दौरान सिंगापुर को जापान के कब्जे से मुक्त कराने के लिए ब्रिटिश सेना की ओर से लड़ी गई लड़ाई में भारत के हजारों सैनिकों ने अपनी शहादत दी थी। यह शहादत सिंगापुर में क्रांजी युद्ध स्मारक के रूप में मौजूद है। क्रांजी स्मारक दरअसल भारत, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, श्रीलंका, मलाया, नीदरलैंड और न्यूजीलैंड के पुरुषों एवं महिलाओं को समर्पित है जो द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जापान की सेना से सिंगापुर और मलाया के लिए लड़ते हुए शहीद हुए थे। सिंगापुर के 9 वुडलैंड्स रोड, क्रांजी में स्थित, क्रांजी युद्ध स्मारक उन बहादुर पुरुषों और महिलाओं की याद में समर्पित है, जो द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जापानी बलों से सिंगापुर की रक्षा करते हुए मारे गए थे। स्मारक में मेमोरियल दीवारें, सैन्य कब्र, युद्ध कब्र और राज्य कब्रिस्तान हैं।   भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हाल ही में  सिंगापुर की दो दिन की यात्रा के दौरान  क्रांजी युद्ध स्मारक का दौरा कर द्वितीय विश्व युद्ध के शहीदों को श्रद्धांजलि दी।  क्रांजी युद्ध में 67 हज़ार के लगभग भारतीय सैनिक शहीद हुए थे जिनमें पांच हजार सिख सैनिक भी शामिल थे।  स्मारक में लिखे पंजाबियों के नाम से पता चलता है कि कैसे इन योद्धाओं ने दूसरों की आजादी के लिए ब्रिटिश सरकार की तरफ  से लड़ते हुए जानें न्यौछावर कर दीं। क्रांजी युद्ध स्मारक में 12 कॉलम हैं जिनमें 24 हजार शहीदों के नाम लिखे हुए हैं। कॉमनवेल्थ बार ग्रेव कमीशन युद्ध स्मारक की देख-रेख करता है।   आज इन शूरवीरों के यत्नों स्वरूप लोग खुली हवा में सांस ले रहे हैं। भारतीय सैनिकों में सिख रेजीमेंट, पंजाब रेजीमेंट, पटियाला स्टेट फोर्सिस, कपूरथला स्टेट फोर्सिस, जींद स्टेट फोर्सिस, गोरखा और डोगरा रेजीमेंट के सैनिक शामिल थे।  आज की युवा पीढ़ी विशेषकर बच्चों को वीर सैनिकों की शहादत की जानकारी होनी आवश्यक है। स्मारक इसीलिए बनाये जाते हैं ताकि  वीर सैनिकों की याद को अक्षुण्य रखा जा सके। ऐसे स्मारक देशी और विदेशी पर्यटकों को देश की वीरता की कहानी भी कहते हैं। भारत के महान सैनिकों के बलिदान की यह नायाब कहानी है जो कभी भी भुलाई नहीं जा सकती।