प्राईमरी स्कूलों में बच्चें की संख्या कम, अध्यापकों के पद हुए सरप्लस

संगरूर, 27 नवम्बर (सत्यम्) : जहां पंजाब के हजारों टैट पास बेरोज़गार अध्यापक रोज़गार प्राप्ति के लिए संघर्ष करते हुए पुलिस की लाठियों को सहन कर भर्ती के लिए ज्ञापन जारी करने की मांग कर रहे हैं वहीं शिक्षा विभाग के अधिकारी लगातार यह आंकड़े बनाने में व्यस्त हैं कि पंजाब के ज्यादातर ज़िलों के प्राईमरी स्कूलों में बच्चों की संख्या कम होने कारण अध्यापकों के पद सरपल्स हो गए हैं। पंजाब के शिक्षा चिभाग द्वारा जारी ताजा आंकड़ों तहत अमृतसर में 333, तरनतारन में 311, गुरदासपुर में 609, पठानकोट में 277, बरनाला में 153, मोगा में 337, होशियारपुर में 815, जालंधर में 582 प्राईमरी अध्यापकों के पद सरपल्स हो गए हैं जिस कारण इन पदों को जरूरी ज़िलों में तबदील किया जा रहा है। डैमोक्रेटिक टीचज़र् फ्रंट के सीनियर नेता बलवीर चंद लौंगोवाल ने इन आंकड़ों को नकारते हुए कहा कि ऐसे आंकड़े जारी करने के पीछे शिक्षा विभाग का उद्ेश्य अध्यापकों की भर्ती न करना है। अध्यापक नेता ने कहा कि रैशनेलाईजेशन अनुसार सैंटर हैड टीचर तथा हैड टीचर के पद को भी अध्यापकों के रूप में गिना जा रहा है जबकि यह प्रबंधकीय पद हैं। एलीमैंटरी टीचज़र् यूनियन के नेता जोतिन्द्र सिंह ज्योति का कहना है कि विभाग प्रबंधकीय पदों को अध्यापकों के पद बताकर स्कूलों में पढ़ते बच्चों से धोखा कर रहा है जबकि सैंटर हैड टीचर के पद पर काम कर रहे अध्यापकों के पास पढ़ाने का समय ही नहीं होता। बेरोज़गार टैट पास बी.एड अध्यापक यूनियन के नेता रणदीप सिंह संगतपुरा तथा बेरोज़गार टैट पास ई.टी.टी. के नेता दीपक कम्बोज ने कहा कि सरकार आंकड़ों की खेल खेलना बंद करे तथा बेरोज़गारों को रोज़गार मुहैया करवाए।