लिक्विड दूध में अकाल की स्थिति : देसी घी, दूध पाऊडर में तेज़ी जारी

नई दिल्ली, 1 दिसम्बर (एजैंसी) : गत सप्ताह भी उत्तर भारत के प्लांटों में कच्चे दूध की आपूर्ति में कमी बनी रही, जिसके चलते देसी घी व पाउडर निर्माताओं को दो रुपए लीटर और बढ़ाकर लिक्विड दूध खरीदना पड़ा। यही कारण है कि गुजरात कॉऑपरेटिव ने दस रुपए घी के भाव बढ़ा दिये। प्राइवेट सेक्टर में भी नीचे वाले माल 200 रुपए टीन बढ़ गये, जबकि लीडर कम्पनियों ने नहीं बढ़ाये। दूध पाउडर के भाव यूपी, हरियाणा की कम्पनियों में पांच रुपए एवं पंजाब में दस रुपए और महंगे हो गये। सीजन पर दूध की उपलब्धि में इजाफा न होने से 200 रुपए टीन देसी घी एवं 20 रुपए किलो दूध पाउडर और बढ़ने की स्थिति में आ गया है। आलोच्य सप्ताह खुर्जा, सहारनपुर, मोहिउद्दीनपुर, मेरठ, स्याना, भोजपुर, कासगंज, छर्रा, अलीगढ़, आगरा, अगवानपुर, कुंडली, सोनीपत, कुरुक्षेत्र  आदि प्लांटों में कच्चे दूध की आपूर्ति 96 लाख लीटर से घटकर 90 लाख लीटर दैनिक औसतन रह गयी, जिससे निर्माता कम्पनियों को दो रुपए लीटर और बढ़ाकर 50/51 रुपए लीटर तक 6 प्रतिशत फैट्स वाला दूध खरीदना पड़ा। इसके प्रभाव से जो देसी घी निर्माता कम्पनियां सैम्पल पास 5600 रुपए में बेच रही थी, उनके भाव 5800 रुपए प्रति टीन हो गये। एक महीने पहले यह घी 5800 रुपए वाला 5400 रुपए दिवाली पर बिका था। लीडर कम्पनियां अभी 6400/6475 रुपए पर टिकी हुई हैं। गुजरात कॉऑपरेटिव द्वारा भी दस रुपए लीटर बढ़ाकर व्यापार किये जाने की खबर थी। इसके अलावा दूध पाउडर पांच रुपए बढ़कर 330/345 रुपए प्रति किलो की ऊंचाई पर जा पहुंचा, जबकि पंजाब के प्लांटों ने दस रुपए बढ़ाकर व्यापार किया।