" 2100 करोड़ के बिजली बकाए वसूलने हेतु " पॉवरकाम द्वारा सरकारी विभागों के खातों की जांच शुरू

जालन्धर, 8 दिसम्बर (शिव शर्मा) : वेतन का संकट पैदा होने करके पावरकाम को अब अपना बकाया वूसलने की याद आ गई है और जल्दी ही वह सरकारी विभागों के पुराने खाते वसूलने जा रहा है। पावरकाम में पिछले तीन वर्षों में करीब पांचवीं बार वेतन संकट पैदा हुआ है कि कर्मचारियों के वेतन में देरी हो रही है। वेतन संकट ने पावरकाम को अब सोचने के लिए मजबूर कर दिया है कि अगर उसकी फंसी वसूली न निकली तो आने वाले दिनों में सरकार को करीब 5200 करोड़ की रकम नहीं मिली तो इससे समूची बिजली प्रणाली प्रभावित हो सकती है। पावरकाम ने सरकारी विभागों से करीब 2100 करोड़ रुपये लेने हैं। अस्पतालों, स्कूलों और जल सप्लाई विभागों के तो कुनैक्शन नहीं काटे जा सकते हैं पर पावरकाम ने बाकी विभागों से निकलता करीब 1500 करोड़ रुपये लेने के लिए कमर कस ली है। सरकारी विभागों के पुराने बकाए के लिए पावरकाम द्वारा नोटिस जारी करके उनकी अदायगी न होने पर कुनैक्शन काटने की संभावना है, इसकी बोर्ड मैनेजमेंट ने भी मंजूरी प्रदान कर दी है। पावरकाम की वसूली समय पर नहीं हो रही है कि उसके पास अपना वसूली स्टाफ लगातार कम हो रहा है। बिजली के बकाए फंसने से पावरकाम में चोर चोरियां कर भी उसका वित्तीय नुकसान बढ़ रहा है। पावरकाम के इन्फोर्समैंट विंग ने पिछले कुछ समय में बड़ी संख्या में बिजली चोरी करवाने वाले मामले पकड़े हैं अगर कुछ समय से राज्य में बिजली महंगी होने के बाद पावरकाम के सामने नया संकट पैदा हो रहा है कि राज्य में इस तरह के गिरोह भी पैदा हो गए हैं कि वह बिजली मीटरों के साथ छेड़छाड़ करवा कर पावरकाम के राजस्व का नुकसान कर रहे हैं। इस तरह के गिरोह बिजली मीटरों के साथ छेड़छाड़ कर उनको धीरे कर देते हैं जिस कारण उनका बिजली का बिल कम आता है। उधर कोला कम्पनियों को 1420 करोड़ की अदायगी करनी, हर वर्ष निजी बिजली कंपनियों को बिजली का उपयोग न करने पर तय करोड़ों रुपये की अदायगी करने के साथ तो पावरकाम की आर्थिक हालत में सुधार नहीं हो रहा है। राज्य में औद्योगिक निवेश न बढ़ने से पावरकाम के पास बिजली की मांग में अधिक वृद्धि नहीं हो रही है।