नागरिकता संशोधन विधेयक- पूर्वोत्तर राज्यों में बवाल

गुवाहाटी, 10 दिसम्बर (एजैंसी) : लोकसभा में पारित हुए नागरिकता संशोधन बिल को लेकर चल रहे हंगामे के बाद त्रिपुरा प्रशासन ने राज्य में 48 घंटे के लिए इंटरनैट सेवाएं बंद कर दी हैं। असम के डिब्रूगढ़, ज़ोरहाट व गुवाहाटी, त्रिपुरा के अगरतला और मणिपुर के इम्फाल में इस बिल को लेकर विरोध प्रदर्शन लगातार जारी हैं। लोग इस बिल के विरोध में सड़कों पर उतर आए हैं। इन हालातों को देखते हुए राज्य सरकार ने मंगलवार को दोपहर 2 बजे से 48 घंटों के लिए एसएमएस भेजने पर रोक लगा दी है और इंटरनैट सेवाएं भी बंद कर दी हैं। यह रोक प्रैस संबंधी मैसेज भेजने हेतु भी जारी रहेंगे।
बाज़ार में लगाई गई आग : वहीं लोकसभा में नागरिकता (संशोधन) विधेयक पारित किए जाने के विरोध में एनईएसओ द्वारा आहत बंद में भाग लेने वाले प्रदर्शनकारियों ने मंगलवार को त्रिपुरा के धलाई ज़िले के एक बाज़ार में आग लगा दी। इस बाज़ार में ज्यादातर दुकानों के मालिक गैर-आदिवासी हैं। असम में नागरिकता (संशोधन) विधेयक के खिलाफ दो छात्र संगठनों के राज्यव्यापी बंद के आह्वान के बाद ब्रह्मपुत्र घाटी में जनजीवन ठप्प है। ऑल असम स्टूडैंट््स यूनियन और नॉर्थ ईस्ट स्टूडैंट््स ऑर्गेनाइजेशन की ओर से बुलाए गए 11 घंटे के बंद का असर बंगाली बहुल बराक घाटी में कुछ खास नहीं रहा। शहर के मालीगांव क्षेत्र में एक सरकारी बस पर पत्थरबाजी हुई और एक स्कूटर को आग के हवाले कर दिया गया। दुकान, बाजार और कारोबारी प्रतिष्ठान इस दौरान बंद रहे। इसके अलावा शैक्षणिक और वित्तीय संस्थान भी पूरे दिन के लिए बंद हैं। गुवाहाटी के विभिन्न क्षेत्रों में बड़े जलूस निकाले गए। पुलिस ने बताया कि सचिवालय और विधानसभा की इमारतों के बाहर गुवाहाटी में प्रदर्शनकारियों से सुरक्षा बलों की झड़प भी हुई। उन्होंने बताया कि कुछ प्रदर्शनकारियों ने नॉर्थ फ्रंटियर रेलवे मुख्यालय का प्रवेश द्वार भी यहां बंद करने की कोशिश की। डिब्रूगढ़ जिले में बंद समर्थकों की झड़प सीआईएसएफ कर्मियों के साथ हुई। इनमें से तीन घायल हो गए क्योंकि ये ऑल इंडिया लिमिटेड के कर्मचारियों को कार्यालय में जाने से रोक रहे थे। प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रीय राजमार्ग पर वाहनों की आवाजाही बंद कर दी और टायर जलाए।
इम्फाल : विधेयक के विरोध में अखिल मणिपुर छात्र संघ (एएमएसयू) ने राज्य में सुबह 3 बजे से शाम 6 बजे तक पूर्ण हड़ताल का आह्वान किया है। पूर्वोत्तर छात्र संगठन (नेसो) के घटक एएमएसयू ने कहा कि अगर विधेयक को तुरंत वापस नहीं लिया जाता है तो वह आंदोलन को तेज करेगा। पूर्वोत्तर में छात्र संगठनों के शीर्ष निकाय नेसो ने विधेयक के विरोध में बंद का आह्वान किया है। मणिपुर के कई हिस्से में मंगलवार को सामान्य जनजीवन प्रभावित रहा, दुकानें एवं व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे और शैक्षिणिक एवं व्यावसायिक संस्थान भी दिन भर बंद रहे। वाहन सड़कों पर नज़र नहीं आए।
राष्ट्रीय राजधानी में प्रदर्शन : राष्ट्रीय राजधानी में राजनीतिक पार्टियों, छात्र संगठनों और नागरिक संस्थाओं ने विवादित नागरिकता (संशोधन) विधेयक के खिलाफ मंगलवार को प्रदर्शन किया। ‘नार्थईस्ट स्टूडेंट््स यूनियन’ (एनईएसओ) ने विधेयक के खिलाफ जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया। विभिन्न क्षेत्रों के लोगों और संगठनों ने इस प्रदर्शन में हिस्सा लिया। माकपा की दिल्ली समिति के सदस्य भी यहां विधेयक के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे। इससे पूर्व माकपा के सांसदों ने संसद परिसर में गांधी प्रतिमा के सामने प्रदर्शन किया था। वाम दल के सदस्य यहां हाथों में तख्तियां लिए दिखें, जिस पर लिखा था कैब वापस लो और धर्म आधारित कैब नहीं चलेगा।
राज्यसभा में आज पेश होगा बिल, सरकार अल्पमत में
नई दिल्ली, 10 दिसम्बर (इंट.): पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बंगलादेश के गैर-मुस्लिम शरणार्थियों के लिए भारत में नागरिकता का रास्ता साफ करने वाले नागरिकता संशोधन विधेयक को लोकसभा में पारित करवाने के बाद अब राज्यसभा में सरकार की असली परीक्षा होगी। बिल राज्यसभा में कल पेश किया जाएगा। उच्च सदन में इस बिल पर अहम चर्चा के लिए 6 घंटे तक समय दिया गया है। लोकसभा में बहुमत होने से सरकार 80 के मुकाबले 311 वोटों से बिल को पास करवाने में कामयाब रही, लेकिन संसद के ऊपरी सदन का गणित दूसरा है। सरकार राज्यसभा में अल्पमत में है। ऐसे में नम्बर गेम अहम हो गया है। भाजपा को उम्मीद है कि सरकार जिस तरह तीन तलाक विधेयक और आर्टिकल 370 हटाने को निष्प्रभावी करने वाले विधेयक को राज्यसभा से पास करवाने में सफल रही थी। उसी रणनीति और गणित के ज़रिए नागरिकता संशोधन बिल पर भी मुहर लगवा दी जाएगी।
राज्यसभा में एनडीए का गणित : एनडीए के सबसे बड़े दल भाजपा के राज्यसभा में 83 सांसद हैं। वहीं, जनता दल (यूनाइटेड) यानी जे.डी. (यू) के 6 सांसद हैं। इसके अलावा एनडीए में शिरोमणि अकाली दल के तीन, रिपब्लिकन पार्टी आफ इंडिया (आरपीआई) के एक जबकि अन्य दलों के 13 सदस्य हैं। इस तरह एनडीए गठबंधन के अपने 106 राज्यसभा सांसद हैं।