गुरुद्वारा करतारपुर साहिब में चाचा चावल वाला दे रहा भाईचारे का संदेश

अमृतसर, 12 दिसम्बर (सुरिन्द्र कोछड़) : भाईचारक सांझ केन्द्र में तबदील हो चुके गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब के बाहर बनाए भाई अजीता जी बाज़ार में ‘चाचा चावल वाला’ के नाम से प्रसिद्ध एक पाकिस्तानी बुजुर्ग चर्चा का केन्द्र बना हुआ है। यह बुजुर्ग द्वारा रोज़ाना एक देग मीठे गुड़ वाले चावल की व एक देग नमकीन चावल की बना कर श्रद्धालुओं में लंगर के रूप में बांटी जा रही है। ‘अजीत समाचार’ के साथ बातचीत करते उक्त बुजुर्ग ने बताया कि उसको भारत व पाकिस्तान से गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब पहुंचने वाले श्रद्धालुओं का बेसब्री से इंतजार रहता है ताकि वह उनको अपने हाथ से बनाए चावलों का लंगर खिलाकर गुरु साहिबान द्वारा शुरू की लंगर प्रथा में अपना बनता योगदान डाल सके। उस ने बताया कि वह रोजाना लगभग आधी रात के बाद चावल बनाना शुरू कर देता है ताकि चावल की तैयार की गई देगें सुबह 8 बजे के बाद गुरुद्वारा साहिब में पहुंचने वाले भारत व पाकिस्तान के श्रद्धालुओं में बिना धर्म, जाति व मुल्कों में बिना भेदभाव किए लंगर के रूप में बांटी जा सके।
मुस्लिम संगत के लंगर के लिए शिरोमणि कमेटी आगे आए
भारत व पाकिस्तान सिख भाईचारे ने गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब में जाने वाले पाकिस्तान मुस्लिम श्रद्धालुओं के लंगर ग्रहण करने पर लगाई पाबंदी पर नाराजगी जताते लंगर के प्रबंधों के लिए शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी व अन्य सिरमौर सिख संगठनों को योगदान देने की अपील की है। उन्होंने कहा कि जिस अस्थान पर गुरु साहिब ने विभिन्न सम्प्रदाय को आपस में जोड़ते किरत करो ते वंड छको का उपदेश दिया, वहीं मुस्लिम भाईचारे को लंगर ग्रहण करने से मना करना सिख धर्म के असूलों के विरुद्ध है।