नागरिकता संशोधन कानून पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को जारी किया नोटिस

 नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने नागरिकता (संशोधन) अधिनियम 2019 के खिलाफ याचिकाओं पर केन्द्र सरकार से बुधवार को जवाब तलब किया, हालांकि उसने इस कानून पर रोक लगाने से इन्कार कर दिया। मामले की अगली सुनवाई 22 जनवरी को होगी। मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे, न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति सूर्य कांत की खंडपीठ ने नागरिकता (संशोधन) अधिनियम 2019 को चुनौती देने वाली कम से कम 59 याचिकाओं की सुनवाई के दौरान केन्द्र सरकार को नोटिस जारी करके जवाब मांगा। न्यायालय ने नोटिस के जवाब के लिए जनवरी 2020 के दूसरे सप्ताह तक का समय दिया। कांग्रेस नेता जयराम रमेश, तृणमूल कांग्रेस की संसद महुआ मोइत्रा और अन्य नेताओं, निजी और गैर सरकारी संगठनों की ओर से पेश हो रहे वकीलों का वह अनुरोध ठुकरा दिया जिसमें इस कानून पर रोक लगाने की मांग की गई थी। वहीं दिल्ली उच्च न्यायालय जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में हुई ङ्क्षहसा की घटना की जांच के लिए तथ्य अन्वेषण समिति गठित करने की मांग करने वाली जनहित याचिका पर सुनवाई के लिए सहमत हो गया। याचिका अधिवक्ता रिजवान ने मुख्य न्यायाधीश डी.एन. पटेल और न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की पीठ के समक्ष पेश की। अदालत ने इसे बृहस्पतिवार के लिए सूचीबद्ध करने की इजाज़त दी। याचिका में आरोप लगाया गया कि दिल्ली पुलिस ने कानून-व्यवस्था को बहाल करने के नाम पर जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के छात्रों, खासकर छात्राओं के खिलाफ मनमाने, अत्यधिक, भेदभावपूर्ण तथा गैरकानूनी तरीके से बल प्रयोग किया।
जामिया के बाहर तीसरे दिन भी प्रदर्शन जारी : विवादों में घिरे संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और देश भर में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) लागू करने के प्रस्ताव के खिलाफ जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के बाहर बुधवार को तीसरे दिन भी प्रदर्शन जारी रहे। प्रदर्शनकारियों ने विश्वविद्यालय के प्रवेश द्वार संख्या सात के बाहर भारत का एक बड़ा सा मानचित्र टांगा जिसमें उन स्थानों को चिह्वित किया गया जहां अन्य विश्वविद्यालयों के छात्र भी सीएए के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं मद्रास विश्वविद्यालय में छात्रों के एक धड़े ने संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ लगातार तीसरे दिन बुधवार को भी प्रदर्शन किया। छात्रों ने कहा कि वे अपना प्रदर्शन जारी रखेंगे। इस बीच पुलिस कर्मी भी परिसर में तैनात रहेंगे। परिसर में मंगलवार को पहुंचे पुलिस कर्मियों ने बताया कि उन्होंने छात्रों की सुरक्षा के लिए यह कदम उठाया है। 
बंगाल, असम में शांति, ममता की रैली : कोलकाता/ गुवाहाटी : पश्चिम बंगाल में बुधवार को माहौल शांतिपूर्ण रहा जहां संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) को लेकर ङ्क्षहसा की अब तक कोई नई खबर नहीं मिली है। अधिकारियों ने बताया कि इसी तरह की शांति फिलहाल असम में भी बनी हुई है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नए नागरिकता कानून के खिलाफ हावड़ा मैदान से कोलकाता के मध्य में स्थित एस्प्लेनेड इलाके के डोरिना क्रॉङ्क्षसग तक विरोध मार्च की अगुवाई की। वह पहले ही सोमवार और मंगलवार को क्रमश: उत्तरी और दक्षिणी कोलकाता में दो विरोध प्रदर्शन मार्च आयोजित कर चुकी हैं। 
संरा ने चिंता की जाहिर : संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार का सम्मान करने की अपील करते हुए भारत में संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन में ङ्क्षहसा और सुरक्षा कर्मियों के कथित तौर पर अत्यधिक बल का इस्तेमाल करने पर ङ्क्षचता जाहिर की।
चुनाव में हार के डर से विपक्ष हिंसा फैला रहा : केजरीवाल : आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय समन्वयक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरङ्क्षवद केजरीवाल ने आरोप लगाया कि विपक्ष आगामी विधानसभा चुनाव में हार को महसूस कर ङ्क्षहसा फैला रहा है। केजरीवाल ने दावा किया कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी व्यापक जीत हासिल करने जा रही है जिससे विपक्ष डरा हुआ है।