" श्री चमकौर साहिब शहीदी जोड़ मेले का दूसरा दिन " लाखों श्रद्धालु गुरुद्वारा साहिब में हुए नतमस्तक 

श्री चमकौर साहिब, 22 दिसम्बर (जगमोहण सिंह नारंग) : श्री गुरू गोबिंद सिंह जी के बड़े साहिबजादा बाबा अजीत सिंह बाबा जुझार सिंह और चमकौर की जंग के महान शूरवीर सिंहों की शहादत को समर्पित चल रहे तीन दिवसीय शहीदी समारोह के आज दूसरे दिन लाखों श्रद्धालुओं ने ऐतिहासिक गुरूद्वारा श्री कतलगढ़ साहिब, गुरूद्वारा श्री गढ़ी साहिब,गुरूद्वारा श्री दमदमा साहिब, गुरूद्वारा श्री रणजीतगढ़ साहिब, गुरूद्वारा श्री ताड़ी साहिब, गुरूद्वारा श्री शहीद बुर्ज भाई जैता जी में नतमस्तक होते कौम के महान सिंहों को श्रद्धा के फूल भेंट किए। गुरूद्वारा श्री कतलगढ़ साहिब के बाबा संगत सिंह दीवान हाल में शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी की सजी धार्मिक स्टेज से शहीदों को श्रद्धा के फूल अर्पित करते एसजीपीसी के प्रधान भाई गोबिन्द सिंह लौंगोवाल ने कहा कि गढ़ी चमकौर की जंग में साहिबज़ादों द्वारा दी शहादतों को समूची सिख कौम के लिए प्रेरणा श्रोत हैं जिससे ही हमें ज़ुल्म और जबर खिलाफ लड़ने की प्रेरणा मिलती है। उन्होंने नौजवानों को नशों का त्याग करने का न्यौता देते कहा कि आने वाली पीढ़ियों को सिखी की तरफ प्रेरित करें। शिरोमणि कमेटी के पूर्व  प्रधान प्रो. कृपाल सिंह बडूंगर ने कहा कि शोर्यगाथा चमकौर साहिब और शोर्यगाथा सरहिन्द सिख कौम की जबर और जुल्म खिलाफ लड़ाई के शिखर का प्रतीक हैं। पूर्व शिक्षा मंत्री और शिरोमणि अकाली दल के मुख्य वक्ता डा. दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि हमें साहिबजादों की शहादतों के बारे अपने बच्चों और नौजवानों को अवगत करवाना चाहिए, तो ही वह महान सिख विरसे के वारिस बन सकेंगे। इसी दीवान हाल में शिरोमणि कमेटी अधीन पड़ते पंजाब भर के शैक्षिक संस्थानों से आए विद्यार्थियों ने शबद कीर्तन, जपजी साहिब के पाठ और अरदास से प्रभावित होते कौम के उपरोक्त वक्ताओं ने शिरोमणि कमेटी की इस पहल कदमी की सराहना करते ऐसे प्रयास लगातार जारी रखने की अपील की।