डैबिट कार्ड की संख्या 15 प्रतिशत घटी

नई दिल्ली, 23 दिसम्बर (एजैंसी) : भारत में पिछले दो साल मेंडेबिट कार्ड की संख्या आश्चर्यजनक रूप से कम हुई है। अक्तूबर 2018 में भारत में डेबिट कार्ड की संख्या 99.8 लाख के रिकार्ड स्तर पर पहुंच गई थी, उम्मीद थी कि डेबिट कार्ड की संख्या जल्द ही एक अरब पर पहुंच जाएगी। लेकिन एक ही साल में डेबिट कार्ड की संख्या 15 फीसदी घट गई है। अगर बात अक्तूबर 2019 की करें तो यह दो साल के निचले स्तर 84.3 लाख पर आ गई है। इसके पीछे की बड़ी वजह मैग्नेटिक स्ट्रिप कार्ड से चिप आधारित कार्ड में माइग्रेट किये जाने को बताया जा रहा है।
15.5 लाख एनएक्टिव अकाउंट बंद
बैंकर्स का कहना है कि मैग्नेटिक स्ट्रिप कार्ड की जगह चिप आधारित कार्ड का इस्तेमाल अनिवार्य किए जाने की वजह से तकरीबन 15.5 लाख बंद खाते और निष्क्रिय कार्ड बाजार से बाहर हो गए हैं। आरबीआई ने इसे अनिवार्य किया था। सभी बैंक को ईएमवी चिप वाले कार्ड्स का इस्तेमाल करने को कहा गया है क्योंकि यह अधिक सुरक्षित हैं। आरबीआई के इस फैसले के चलते साल  2018 में बैंकों ने दोबारा कार्ड जारी किए थे। अप्रैल 2019 में 80 फीसदी से ज्यादा कार्ड जारी होने के बाद अधिकतर सरकारी और निजी बैंकों ने मैग्नेटिक स्ट्रिप कार्ड को ब्लॉक कर दिया। इसकी वजह से बाकी बचे हुए इनएक्टिव अकाउंट बंद हो गए।