ई.सी.एच.एस. का बजट 4 हज़ार करोड़, केन्द्र ने अब जारी की सिर्फ आधी राशि

लुधियाना, 28 दिसम्बर (अ.स.): देश की सीमाओं पर दिन-रात खड़े होकर देश की रक्षा करने वाले सैनिकों को सेवानिवृत्ति के बाद अब ज़रूरत पड़ने पर अस्पतालों में इलाज करवाने के समय बड़ी कठिनाइयों का सामना करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है, क्योंकि सरकारी अदायगी रुक जाने के कारण निजी अस्पतालों के प्रबंधक उनका इलाज करने से आनाकानी करने लग पड़े हैं। विभिन्न निजी अस्पतालों के प्रबंधकों ने बताया कि केन्द्र सरकार की संस्था ई.सी.एच.एस. अधीन पूर्व सैनिकों का इलाज किया जाता है, की अदायगियां नहीं की जा रहीं, जिससे संबंधितों का इलाज करना असम्भव हो रहा है। निजी अस्पतालों के प्रबंधकों ने ई.सी.एच.एस. के उच्च अधिकारियों को पत्र लिख कर मांग की है कि उनकी बनती अदायगियों का भुगतान किया जाए ताकि मरीज़ों का इलाज जारी रखा जा सके। इसके संबंध में केन्द्र सरकार के ई.सी.एच.एस. नई दिल्ली के मुख्य प्रबंधक ने देश के सभी ई.सी.एच.एस. क्षेत्रीय केन्द्रों के कार्यालयों के निदेशकों को पत्र लिख कर बताया है कि वर्ष 2019-2020 के लिए इस योजना तहत सरकार द्वारा 3987 करोड़ रुपए बजट रखा था, जिसमें से अभी तक केवल 2092.80 करोड़ रुपए जारी किए हैं। इस योजना अधीन पैनल में शामिल एक अस्पताल के प्रबंधक ने बताया कि पिछले दिनों क्षेत्रीय केन्द्रीय कार्यालय ई.सी.एच.एस. चंडी मंदिर के अंतर्गत आते निजी अस्पतालों को अदायगी करने के लिए जो राशि जारी की गई है, के हिस्से केवल 2200 रुपए पल्ले पड़े, जबकि कई लाख रुपए बकाया खड़ा है। विभिन्न निजी अस्पतालों के प्रबंधकों का कहना है कि वह ऐसे महंगाई के युग में ऐसी परिस्थिति में इलाज करने से असमर्थ हैं। यहां वर्णनीय है कि देश में ई.सी.एच.एस. अधीन 52 लाख कार्ड धारक हैं, जो इस योजना का लाभ लेने के हकदार हैं।