तारीख पे तारीख

तारीख पे तारीख मिलती रही है लेकिन इंसाफ  नहीं मिला मीलॉर्ड। सालों पहले आई फिल्म दामिनी का यह संवाद आज भी हमारे न्यायलयों पर सटीक बैठता है, क्योंकि सात साल से चल रहे निर्भया दुष्कर्म मामले का फैसला फि र से सात जनवरी तक टाल दिया गया है यानी एक और तारीख पड़ गई है । न्याय के लिए कोर्ट और वकीलों के चक्कर लगा रहे पीड़िता के माता-पिता पर क्या गुजर रही होगी, यह सोचकर न्याय प्रणाली से भरोसा उठने लगा है। न्याय मिलने में देरी होने की वजह से ज्यादातर लोगों ने हैदराबाद दुष्कर्म के बाद दोषियों के पुलिस एनकाउंटर में मारे जाने पर खुशियां मनाई। चाहे कुछ लोगों का कहना था कि इस तरह से दोषियों को सजा देना गलत है। कानून को अपना काम करने देना चाहिए। लेकिन कई मामलों में न्याय मिलने  में देरी ने लोगों में चिंता और अशांति को जन्म दिया है। 

—संगीता भंडारी