हरियाणा में पंजाबी की बजाय तेलुगू को दूसरी भाषा का दर्जा देना दुर्भाग्यपूर्ण - बडूंगर

नाभा, 01 जनवरी - (कर्मजीत सिंह) - हरियाणा की खट्टर सरकार की ओर से हरियाणा में पंजाबी की बजाय पर तेलुगू को दूसरी भाषा का दर्जा देना दुर्भाग्यपूर्ण फैसला है। यह बात शिरोमणि कमेटी के पूर्व प्रधान प्रो. किरपाल सिंह बडूंगर ने आज स्थानीय गुरुद्वारा बाबा अजापाल सिंह में पत्रकारों के साथ बातचीत करते हुए कही। उन्होंने कहा कि हरियाणा में 70 प्रतिशत लोग पंजाबी बोलते हैं और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर भी खुद पंजाबी हैं और पंजाबी देश की उन 14 भाषाओं में शामिल है जोकि देश के कानून की ओर से मान्यता प्राप्त है। उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र सरकार के कुछ मंत्रियों द्वारा साहिबजादों के शहीदी दिवस को 'बाल दिवस' के रूप में मनाने के लिए जो बयानबाजी की जा रही है वह एक सोची समझी साजिश है। उन्होंने कहा कि साहिबजादों के शहीदी पूरे भारत में ही नहीं, पूरी दुनिया में एक मिसाल है और न ही आज तक कभी ऐसी कुर्बानी हुई है और साहिबजादों के शहीदी सप्ताह को 'बाल दिवस' के साथ जोड़ना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। इस मौके पर मैनेजर नरिन्दरजीत सिंह भवानीगढ़, जत्थेदार जगजीत सिंह , जत्थेदार दर्शन सिंह, सरबजीत सिंह धीरोमाजरा, मेजर सिंह सकोहां, जसवीर सिंह छिन्दा, गमदूर सिंह, दविन्दर सिंह आदि भी उपस्थित थे।